शशिकांत कौशिक ने समाज सेवा में रच दिया उदाहरण, पुत्र के जन्मदिवस पर 7000 वर्ग फुट भवन किया समर्पित, लंदन में मिला ग्लोबल प्रेरणा सम्मान

सोनीपत । हरियाणा में जनकल्याण और सामाजिक सेवा के लिए समर्पित एक प्रमुख नाम शशिकांत कौशिक, संस्थापक शशिकांत इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट, आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। समाज की सेवा को जीवन की प्राथमिकता मानने वाले कौशिक को हर वर्ग व समुदाय में अत्यंत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उनकी निस्वार्थ सेवाएं उन्हें जनमानस का सच्चा नायक बनाती हैं। हाल ही में, अपने पुत्र के जन्मदिन के अवसर पर, उन्होंने लगभग 7000 वर्ग फुट क्षेत्रफल का भवन ‘दृष्टि आई संस्थान’ को समर्पित किया, जहां ज़रूरतमंदों को नेत्र चिकित्सा और फिजियोथेरेपी जैसी सेवाएं पूरी तरह निःशुल्क प्रदान की जाएंगी। साथ ही, इसी भवन में बच्चों के लिए एक नि:शुल्क पुस्तकालय की स्थापना भी की गई है, जो शिक्षा क्षेत्र में एक सराहनीय पहल है। उनका एक अन्य पुस्तकालय समालखा कस्बे में भी सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
इस अवसर पर शशिकांत कौशिक ने कहा कि समाज की सेवा ही मेरे जीवन का उद्देश्य है। यदि मेरी किसी छोटी-सी पहल से किसी ज़रूरतमंद को सहायता मिलती है, तो यही मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। मैं चाहता हूँ कि हर नागरिक अपनी क्षमता के अनुसार समाज के प्रति योगदान दे।
उन्होंने बताया कि उनके ट्रस्ट का कोई बैंक खाता नहीं है, क्योंकि वे किसी से आर्थिक सहयोग नहीं लेते। वे पूरी तरह भगवान में आस्था रखते हैं और उन्होंने बताया कि वे अपनी कमाई का 90 परसेंट भाग जनकल्याण के कार्यों में खर्च करेंगे। अभी सिर्फ 40 परसेंट ही खर्च किया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके दोनों पुत्रों ने अपने दादा से प्राप्त 25-25 लाख रुपये भी समाजसेवा के लिए दान कर दिए हैं, और अब दोनों बेटों को अपनी संपत्ति का केवल 10 परसेंट हिस्सा ही दिया गया है।

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