पुरुषों के हक़ में आवाज उठाने वाली संस्था एसआईएफ ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित अतुल सुभाष आत्महत्या केस के विरोध में कैंडल मार्च निकाला

  • वक्त आ गया है कि सरकार जल्द से जल्द पुरुष आयोग का गठन करे : रोहित डोगरा

चण्डीगढ़ : पुरुषों के हक़ में आवाज उठाने वाली संस्था सेव इंडियन फैमिली ( एसआईएफ), चण्डीगढ़ ने आज जस्टिस फॉर अतुल सुभाष की मांग को लेकर सेक्टर 17 स्थित प्लाजा में कैंडल मार्च निकाला। संस्था के अध्यक्ष रोहित डोगरा ने इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कानूनी आतंकवाद, कानूनी जबरन वसूली और झूठे आरोपों के कारण दुखद रूप से होनहार इंजीनियर अतुल सुभाष की जान ले ली। उन्होंने कहा कि अतुल ने आत्महत्या नहीं की बल्कि हमारी व्यवस्था ने उसकी हत्या की। रोहित डोगरा ने मांग की कि अतुल के मामले की गहन जांच करके जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनकी संस्था लम्बे आरसे से केंद्र सरकार से महिला आयोग एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरह पुरुष आयोग एवं पुरुष कल्याण मंत्रालय का भी गठन करना चाहिए जो पुरुषों के कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार करने में सक्षम हो।

उन्होंने बताया कि भारत जैसे देश में जहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए करीब 50 से ज्यादा कानून हैं, जहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए दस हजार से ज्यादा एनजीओ काम कर रहे हैं, जहां महिलाओं के लिए करोड़ों का बजट और मुफ्त योजनाएं हैं तथा जहां महिलाओं के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय है, वहां आधी आबादी पुरुषों के लिए कुछ भी नहीं है।

एनसीआरबी 2022 के आत्महत्या के आंकड़े बताते हैं कि हर साल पुरुषों द्वारा आत्महत्या की संख्या 1,22,724 है, जबकि महिलाओं की संख्या 48,172 है। विवाहित पुरुषों की संख्या 83713 है, जबकि विवाहित महिलाओं की संख्या 30771 है। भारत में हर 4.4 मिनट में एक पुरुष आत्महत्या करता है और हर 6.5 मिनट में एक विवाहित पुरुष आत्महत्या करता है।

उन्होंने कहा कि भारत में पुरुषों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रत्येक जिले में आत्महत्या हेल्पलाइन स्थापित की जाने चाहिए।
लिंग आधारित कानूनों जैसे कि घरेलू हिंसा अधिनियम, यौन उत्पीड़न कानून, बीएनएस 69, बलात्कार कानून आदि में संशोधन करना तथा उन्हें पुरुष-महिला की जगह व्यक्ति तथा पत्नी-पति की जगह जीवनसाथी बनाकर लिंग तटस्थ बनाना चाहिए।
498-ए, घरेलू हिंसा अधिनियम, बलात्कार कानून, यौन उत्पीड़न कानून जैसे अत्यधिक दुरुपयोग किए जाने वाले कानूनों को समाप्त किया जाना चाहिए तथा दुरुपयोग करने वालों को कड़ी सजा देने के लिए कठोर दुरुपयोग धारा जोड़ी जाए ताकि कानून के दुरुपयोग की समस्या को रोका जा सके।

आज विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले एसआईएफ-चंडीगढ़ के कार्यकर्ताओं में अंकुर शर्मा, गौरव रहेजा, महेश कुमार, संदीप कुमार, मोहित अरोड़ा, रविंदर सिंह, जसजोत सिंह, अमनदीप सिंह, हरदीप कुमार, नवीन कुमार, रोहित कुमार और अन्य शामिल रहे।

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