इस वर्ष के अंत तक विनाशकारी आपदाएं अपना तीव्रतम रूप धारण करने लगेंगी : पं. काशीनाथ मिश्र

  • भगवान श्री कृष्ण के परम सखा सुदामा के अवतार संत अच्युतानंद दास द्वारा 600 वर्ष पूर्व लिखित भविष्य मालिका शास्त्र के मुताबिक कलयुग का अंत बेहद समीप है, अब कल्कि अवतार ही करेंगे मानव जाति का उद्धार

चण्डीगढ़ : आगामी समय मे विनाशकारी आपदाएं अपना तीव्रतम रूप धारण कर लेंगी। ये कहना है श्री जगन्नाथ पुरी से आए कथावाचक पंडित काशीनाथ मिश्र का। उन्होंने आज यहां एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलयुग का अंत बेहद समीप है। पंडित काशीनाथ मिश्र ने भगवान श्री कृष्ण के परम सखा सुदामा के अवतार संत अच्युतानंद दास द्वारा 600 वर्ष पूर्व लिखित भविष्य मालिका शास्त्र का हवाला देते हुए ये दावा किया कि मानवों द्वारा किए जा रहे विभिन्न अनैतिक क्रिया-कलापों के कारण पृथ्वी पर पाप का बोझ बढ़ रहा है, जिससे आने वाले समय में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाएं विकराल हो जाएँगी, जिससे धरती पर प्रलय काल आरम्भ हो जाएगा व असंख्य लोग काल के गाल में समा जायेंगे। उन्होंने कहा कि पुराणों में वर्णनानुसार भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि ही तब मानव जाति का उद्धार करेंगे। पंडित काशीनाथ मिश्र ने बताया कि उन्होंने कई दशक तक इस पुराण शास्त्र का अध्ययन किया, तब जाकर उन्हें इन सब बातों का ज्ञान हुआ और अब वे इस विषय पर स्थान स्थान पर कथा करके भक्तों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2032 तक ये प्रलयकारी दौर जारी रहेगा जिसमें विश्व युद्ध, परमाणु बम्ब हमले, 32 प्रकार की महामारियों का प्रकोप जैसी आपदाओं से मानव जाति का सामना होगा और इनसे सिर्फ वही श्रद्धालु बच पाएंगे जो त्रिसंध्या विधि का जाप करेंगे। संत ने बताया कि आज लोग इन बातों पर अविश्वास प्रकट कर उनसे नाराज होतें हैं या उपहास उड़ाते हैं, परन्तु जल्द ही ये सब कुछ प्रत्यक्ष होगा। पंडित काशीनाथ मिश्र ने कहा कि अच्युतानंद दास संत ने अपनी योग शक्ति के बल पर ये सारी भविष्यवाणियां की थीं।
इस अवसर पर वृन्दावन से पंडित मधु विहारी दास, मंदिर के प्रधान विजय बंसल, सोनिया मित्तल, माधव मित्तल सहित विश्व सनातन धर्म के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 37 चंडीगढ़ में विश्व सनातन धर्म, खंड गिरी, श्री महारत्नपुर मंडल, भुवनेश्वर द्वारा आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा व भविष्य मालिका शास्त्र की दिव्य कथा पंडित काशीनाथ मिश्र जी की अमृतमयी वाणी से 23 अप्रैल तक रोजाना शाम 4 बजे से 7बजे तक हुआ करेगी।

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