- कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में आये हैं बड़े बदलाव: डा. सचिन सूद
- दुर्लभ और जटिल हृदय विकारों से ग्रस्त मरीजों को बचाना संभव: डा. सचिन सूद
- एमवीआर, एवीआर और वीएसडी क्लोजर सर्जरी के माध्यम से हृदय वाल्व से पीडि़त 42 वर्षीय रोगी को मिला नया जीवन
करनाल
। उन्होंने कहा कि गतिहीन जीवनशैली के कारण भारत में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ अस्पताल के सीईओ डॉ. सचिन सूद भी मौजूद रहे।
इस मौके पर डॉ. सचिन सूद ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है, जिससे हृदय रोगों का इलाज आसान हो गया है दुनिया भर में 31 प्रतिशत मौतें दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्क हॉस्पिटल समूह ने आधुनिक सुविधाओं की बदौलत हृदय रोगों के इलाज में बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि 42 वर्षीय सुरिंदर कुमार का करनाल स्थित इस अस्पताल द्वारा सफलतापूर्वक इलाज किया गया है, जो अपने आप में अनोखा है। उन्होंने कहा कि इस मरीज को हृदय वाल्व की बीमारी से परेशानी थी लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।
डा. मंदीप सिंह ने बताया कि एमवीआर और एवीआर से पीड़ित उक्त मरीज सबसे दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां मरीज हृदय वाल्व रोग से पीड़ित था और पहले किसी ने वीएसडी का निदान नहीं मिला। जांच करने पर मरीज अन्य बीमारियों के साथ साथ सबपल्मोनिक वीएसडी से भी ग्रस्त पाया गया। डा मंदीप ने बताया कि मरीज की एक साथ तीन सर्जरी एमवीआर, एवीआर और वीएसडी क्लोजर की गई, जिससे की वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
डा. मंदीप सिंह ने कहा कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए और वसायुक्त भोजन से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फोन का इस्तेमाल कम करना चाहिए। इसके अलावा काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने और सुबह-शाम 30 मिनट तक व्यायाम करने की आदत भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान की आदत को भी हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीने में अचानक दर्द या जकड़न महसूस होना आमतौर पर गैस या एसडीटी के कारण माना जाता है, लेकिन यह हृदय संबंधी बीमारियों की ओर इशारा करता है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डॉ. सचिन सूद ने बताया कि दिल के माहिर डाक्टरों, हॉस्पिटल में मौजूद समर्पित और प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा पोस्ट-ऑपरेटिव निगरानी के साथ अति आधुनिक तकनीकों से अब गंभीर से गंभीर दिल के मरीजों को बचाया जा रहा है। आमतौर पर इस तरह की सर्जरी के लिए मरीजों को बड़े शहरों में जाना पड़ता है और महंगा और श्रमसाध्य उपचार करवाना पड़ता है, जो न केवल मरीज के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए बोझ होता है, लेकिन अब पार्क अस्पताल, करनाल आशा की किरण और वन स्टॉप उपचार केंद्र बन गया है जहां सीएबीजी, सभी हृदय संबंधी हस्तक्षेपों के साथ-साथ सभी जटिल सर्जरी जैसे (टीकेआर, टीएचआर, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, बर्न ट्रीटमेंट, ओन्को-सर्जरी, नेफ्रो सर्जरी, प्लास्टिक और री-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी) सफलतापूर्वक की जाती है।