प्रशासन का पक्षपातपूर्ण रवैया गौरवशाली लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं के लिए शुभ संकेत नहीं – कांग्रेस

Chandigarh

चंडीगढ़ कांग्रेस ने प्रशासन द्वारा लिए जा रहे कई फैसलों के चलते जनता के मन में उठ रहे गम्भीर प्रश्नों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित कुछ प्रस्तावों से निपटने में यूटी प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है।

चंडीगढ़ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने आज यहां कहा कि कुछ महीने पहले जब नगर निगम सदन की बैठक में शहर के निवासियों को 20000 लीटर पानी मुफ्त देने का प्रस्ताव पारित हुआ था, तो तत्कालीन प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने इस जनहितैषी प्रस्ताव का सार्वजनिक मजाक उड़ाते हुए बड़ी जल्दबाजी में इसे खारिज कर दिया था। उन्होंने ऐसा तब किया जब यह प्रस्ताव विचार के लिए उनके समक्ष अभी रखा भी नहीं गया था। संयोग से इस प्रस्ताव के विरोध में प्रशासक द्वारा दिया गया सार्वजनिक बयान भारतीय जनता पार्टी की राय के बिल्कुल अनुरूप था, जो शहर के निवासियों को मुफ्त पानी उपलब्ध कराने के कांग्रेस पार्टी के चुनावी वादे के पूरी तरह खिलाफ थी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसके विपरीत, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक ने मनोनीत पार्षद अनिल मसीह के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के मामले पर पिछले 10 महीने से कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय इस साल फ़रवरी में भारतीय दंड संहिता की धारा 340 के तहत उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दे चुका है। आज चंडीगढ़ की जनता सोच रही है कि क्या मसीह को केवल इसलिए बचाया जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में डाले गए मतों से छेड़छाड़ करके भाजपा के उम्मीदवार को मेयर घोषित कर दिया धा?
इसी तरह, नगर निगम के सदन ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए अक्टूबर 2024 को एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया, जब उन्होंने गुप्त मतदान के बजाय हाथ उठाकर मेयर के सभी पदों का चुनाव करने के लिए एक टेबल एजेंडा पारित कर दिया था। तब भाजपा पार्षदों ने सदन में इस प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया था। शहर के निवासी एक बार फिर यह अनुमान लगाने के लिए स्वतंत्र हैं कि मेयर चुनाव को और अधिक पारदर्शी और ईमानदार बनाने के उद्देश्य से पारित प्रस्ताव पर अब तक प्रशासन दवारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन से हमेशा बिना किसी का पक्ष लिए और बिना किसी दबाव में आए केवल गुण दोष के आधार पर फ़ैसले लेने की अपेक्षा की जाती है, क्योंकि यदि इसके विपरीत कुछ भी किया जाता है तो वह देश की गौरवशाली लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए शुभ संकेत नहीं है।

कांग्रेस पार्टी ने प्रशासक से तत्काल ऐसे कदम उठाने की अपील की, ताकि यह धारणा न बन सके कि प्रशासन की निर्णय लेने की प्रक्रिया बार बार केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में आ जाती है।

Please follow and like us:
Pin Share
YouTube
Pinterest
LinkedIn
Share