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चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “पिछले साल चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में लोकतंत्र का पूरी तरह से हनन हुआ था। नतीजों में हेराफेरी, की गई, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ी। लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में वोटों की गिनती हुई, जिसमें मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसले में मेयर चुनाव के नतीजों को खारिज कर दिया और कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार को मेयर घोषित कर दिया”।
तिवारी ने कहा कि कल चंडीगढ़ नगर निगम के जनरल हाउस ने एक ऐतिहासिक ऐतिहासिक फैसला लिया कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के अगले चुनाव गुप्त मतदान के बजाय हाथ उठाकर कराए जाएंगे, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ काँग्रेस और शहर के सभी प्रबुद्ध नागरिक इस प्रस्ताव के पास होने का स्वागत करते हैं।