श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व

23 पोह नानक शाही सम्वत 556 की अनुसार आज 6 जनवरी को समूह नानक नाम लेवा सांगत समूची दुनिया में साहिबे कमाल साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व मना रही है इसी पावन दिवस को आज गुरद्वारा कलगीधर खेड़ी में श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया और कथा -कीर्तन दीवान सजाये गए जिनमें विशेष तौर पर श्री दरबार साहिब अमृतसर साहिब से आये रागी जत्थों ने हाजरी भरी। प्रकाश पर्व के सम्बन्ध में दो दिन पहले से श्री अखंड पाठ रखे गए जिनके भोग डाले गए उपरांत कथा -कीर्तन समागम आरम्भ किये गए जिनमें भाई दलजीत सिंह जी ‘नाद’ हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर, भाई तेजिंदर सिंह जी शिमले वाले हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर, भाई गुरतेग सिंह जी चंडीगढ़ वाले, इस्त्री सत्संग जथा गुरद्वारा कलगीधर खेड़ी सेक्टर 20, भाई रणजीत सिंह जी यमुनानगर वाले तथा भाई गुरदीप सिंह जी आनंदपुर साहिब वालों ने कीर्तन हाजरी भरी ।भाई पवनदीप सिंह जी ग्रंथी गुरुद्वारा कलगीधर खेड़ी सेक्टर 20 जी ने गुरु साहिब के जीवन और सिक्ख इतिहास सम्बन्धी कथा- विचारों से सांगत को निहाल किया उपरांत सरबत के भले की अरदास की गई और हुकमनामा लिया गया तथा गुरु के अटूट लंगर बरताये गए। शाम के समय भी विशेष कीर्तन दीवान सजाये गए जिनमे भाई गुरकीरत सिंह जी बूटा हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर वालों ने कीर्तन हाजरी भरी।
इन सभी समागमों के दौरान गुरु घर की प्रबंधक कमेटी सेक्रेटरी हुकम सिंह जी, मोहिंदर सिंह जी, गुरप्रीत सिंह जी, हरमीत सिंह जी तथा गुरु घर के मुख्य सेवादार गुरइन्दर बीर सिंह जी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि हर बार कि तरह इस बार भी संगत ने बढ़- चढ़ भाग लिए और गुरु घर कि खुशियाँ प्राप्त कर रही है। उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने धर्म कि रक्षा के लिए अपना परिवार वार दिया जिन्हे याद करके समूह संगत नतमस्तक होती है। गुरु साहिब का पूरा जीवन धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। समूचे सिक्ख पंथ को उनके जीवन से शिक्षा मिलती है। उन्होंने समूची साध -संगत और श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का शुक्राना किया जिनके आशीर्वाद से समागम सम्पूर्ण हुए।

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