चंडीगढ़ हेरिटेज सिटी नहीं, तो शेयर वाइज प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त पर रोक क्यों?— कांग्रेस

Chandigarh

केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि चंडीगढ़ को ‘हेरिटेज सिटी’ का दर्जा प्राप्त नहीं है, बल्कि केवल कैपिटल कॉम्प्लेक्स क्षेत्र ही हेरिटेज श्रेणी में आता है। इस जवाब के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पूरा शहर हेरिटेज नहीं है, तो यूटी प्रशासन ने पिछले दो वर्षों से शेयर वाइज प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर रोक क्यों लगा रखी है?

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरजीत ढिल्लो ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस रोक से चंडीगढ़ के हजारों लोग परेशान हैं। कोई कैंसर मरीज अपने इलाज के लिए संपत्ति बेचना चाहता है, तो किसी को अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता है, लेकिन प्रशासन की मनमानी के कारण वे अपनी ही संपत्ति का लेन-देन नहीं कर पा रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलरों और संपत्ति मालिकों के बीच अफरा-तफरी मची हुई है, और कई ट्रांजेक्शन रुके पड़े हैं।

सुरजीत ढिल्लो ने कहा कि इस अव्यवहारिक आदेश के कारण लोगों को जबरदस्त आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित कई बार डीसी से लेकर प्रशासन के सलाहकार तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस अनुचित रोक को तुरंत हटाया जाए, ताकि चंडीगढ़ के नागरिकों को राहत मिल सके और संपत्ति के लेन-देन सुचारू रूप से हो सकें।

कांग्रेस के मनीमाजरा ब्लॉक अध्यक्ष संजीव गाबा ने चंडीगढ़ को ‘हेरिटेज सिटी’ का दर्जा प्राप्त नहीं है, तो फिर इस आधार पर दो साल से प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन पर रोक लगाना पूरी तरह गलत है।

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