नशा-मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम आयोजित

श्री अनूप सरीन, समाजसेवी एवं संस्थापक, भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान एवं श्रीमति संगीता छाबड़ा, मुख्य प्राध्यापिका, सरकारी आदर्श सीनियर सैकण्डरी विद्यालय, सैक्टर 39-सी, चण्डीगढ़ ने मुख्य अतिथि, श्री अनुराग दारु, आई.पी.एस. एस.डी.पी.ओ. साउथ वैस्ट एवं डा. समर्थ खन्ना, डैंटल सर्जन, डैंटल वर्ल्ड, सैक्टर 35-सी, चण्डीगढ़ का आज सरकारी आदर्श सीनियर सैकण्डरी विद्यालय, सैक्टर 39-सी, चण्डीगढ़ में आयोजित नशा-मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत किया।

श्री अनूप सरीन, समाजसेवी एवं संस्थापक, भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान ने अपने सम्बोधन में बताया कि व्यक्ति का किसी व्यसन पदार्थ पर निर्भरता जो उसे शारीरिक व मानसिक क्षति पहुंचाती है, नशा कहलाती है। उन्होंने बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव पर बहुत सुन्दर संदेश दिया और बच्चों के साथ प्रश्न-उत्तर का सत्र किया जिसमें बहुत सारे बच्चों ने कई प्रश्न किये जिनका उपस्थित व्यक्तियों द्वारा संतोषजनक उत्तर दिया गया।

श्री अनुराग दारु ने अपने संदेश में बताया कि युवा किसी भी राष्ट्र की ऊर्जा होते हैं तथा युवाओं की शक्ति का समाज एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने छात्रों को अपने कैरियर पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया और नशीली दवाओं के खतरों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बच्चों को अच्छी आदतें और शारीरिक गतिविधियां अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यदि कोई नशीली दवाओं के सेवन के लिए बाध्य करता है तो उसको सख्ती से मना करना चाहिए और अध्यापक या परिजनों को तुरंत सूचित करना चाहिए तथा सभी उपस्थित जन से प्रण करवाया कि वे किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहेंगें।

इस अवसर पर डा. समर्थ खन्ना, डैंटल सर्जन, डैंटल वर्ल्ड, सैक्टर 35 सी, चण्डीगढ़ ने “नशा नहीं अपनाएंगे – भारत को नशा-मुक्त बनाएंगे” का संकल्प दिलाया। उन्होंने स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया और नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन खाना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव का प्रबंधन करने का सुझाव दिया। डा. खन्ना ने बच्चों को नशे के मार्ग पर चलने वाले साथियों को सही रास्ते पर लाने के लिए भी प्रेरित किया।

श्री हरीश पांडे, इंचार्ज, समावेश केंद्र, PS-39 ने पुलिस स्टेशन की कार्यप्रणाली और समावेश केंद्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर श्री देविन्दर पाल सहगल ने नशा मुक्त होने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि नशे में कैमिकल्स होते हैं जो दिमाग का संतुलन बिगाड़ देते हैं और शरीर के कई आवश्यक अंगों को खराब कर देते हैं। बच्चों को कोई न कोई हाबी जैसे पेंटिंग, डांस, आउटडोर गेम्स, आदि में भाग लेना लाभदायक है।

सभी बच्चे, बच्चियों ने नशे के खिलाफ स्लोगन पट्टियों को लहराते हुए एक रैली भी निकाली और “नशामुक्त भारत” बनाने का संकल्प लिया।

श्रीमति संगीता छाबड़ा, मुख्य प्राध्यापिका ने आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान से अशोक शर्मा; विशव गुप्ता; नरेश गोयल; डा. देविंदर पाल सहगल; धीरु एवं राकेश की प्रेरणादायक उपस्थिति रही।

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