- न्यू चंडीगढ़ के गाँव मीयांपुर चंगर में पूर्व आईएएस अधिकारी व उनके बेटे द्वारा धक्केशाही से नाजायज कब्जे किए गए हैं : रेशम सिंह वडाली, अध्यक्ष, भाकियू (कादियां), रोपड़
- पीड़ितों ने पंजाब के मुख्यमंत्री, विजिलेंस व ईडी को पूरे मामले की जानकारी सहित शिकायत भेजी
चण्डीगढ़ : न्यू चंडीगढ़ के गाँव मीयांपुर चंगर के क़रीब 14 लोगों की लगभग 9 एकड़ ज़मीन पर पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू के बेटे सहज सिद्धू की एस7 होल्डिंग कंपनी द्वारा कथित तौर पर नाजायज क़ब्ज़ा करके वहां अमारी हिल्स के नाम से प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इस बाबत आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन (कादियां) के रोपड़ जिले के अध्यक्ष रेशम सिंह वडाली, गाँव के पूर्व सरपंच सज्जन सिंह, गाँव सियुंक से लम्बरदार गुरनाम सिंह, एडवोकेट प्रितपाल सिंह बासी व् समाजसेवी नवदीप सिंह आदि ने बताया कि इस मामले को लेकर ज़मीन के मालिकों की ओर से कोर्ट में इस ज़मीन पर काम बंद करवाने को लेकर केस डाला था जिस पर कोर्ट की ओर से दोनों पक्षों के विचार सुनने के बाद स्टे ऑर्डर जारी किए थे, मगर उसके बावजूद भी काम चल रहा है। पुलिस भी इन लोगों की सुनवाई नहीं कर रही है। रेशम सिंह वडाली ने बताया कि ये लोग किसी को जमीन बेचने के लिए न तो तहसील या पटवारी के पास गए और न ही गमाडा के अधिकारियों के पास गए, फिर भी उनकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर प्रोजेक्ट पास करवा लिया गया। विजिलेंस की जांच के दायरे में बहु करोड़ी सिंचाई घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू पर कार्रवाई करने की जगह उल्टे उन्हें ही झूठे केसों में फँसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में पंजाब के मुख्यमंत्री, विजिलेंस व ईडी को भी पूरे मामले की जानकारी सहित शिकायत भेजी गई है।
पीड़ितों के वक़ील प्रीतपाल सिंह बासी ने बताया कि सिंचाई घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू की ये हिस्सों की ज़मीन है जिस का बँटवारा नहीं हुआ है। ज़मीन ख़रीदने के लिए जिन लोगों से रजिस्ट्री करवाई गई है वह भी ग़लत है क्योंकि कोई भी व्यक्ति किसी का हिस्सा नहीं दे सकता और रजिस्ट्री करवाते समय भी स्टांप ड्यूटी की चोरी भी की गई है जिसको लेकर डीसी को शिकायत की गई है। इसके अलावा विजिलेंस ब्यूरो को भी शिकायत की गई है कि इसका पता लगाया जाए कि भ्रष्टाचार की जाँच में शामिल पूर्व अफ़सर के पास या उसके बेटे के पास इतने पैसे कहाँ से आए। पूरे प्रोजेक्ट पर खरड़ कोर्ट की ओर से स्टे दिया गया है, उसके बावजूद काम बेरोकटोक चल रहा है।
मीयांपुर चंगर के रहने वाले स्वर्ण सिंह, लखवीर सिंह, अमरीक सिंह, दशमेश सिंह, रघुबीर सिंह, लाभ सिंह, करम प्रीत सिंह, बलकार सिंह, मेजर सिंह कुलविंदर सिंह और सुखविंदर सिंह ने बताया कि उनकी खेवट मुश्तरका ज़मीन है जो उनके हिस्से की है। इस ज़मीन पर उनके द्वारा सरकार से लोन भी लिए गए थे लेकिन अब उनकी इस ज़मीन पर सहजवीर सिंह की ओर से सरकारी प्रोजेक्ट पास करवाया है लेकिन न तो उन्होंने अपनी ज़मीन उन्हें बेची है और न ही कोई सहमति दी है। इस मामले पर कोर्ट की ओर से उन्हें स्टे भी मिला हुआ है लेकिन उन्हें अपनी जमीन में घुसने नहीं दिया जा रहा व उल्टे मारपीट की जा रही है। पूर्व सरकारी ऑफ़िसर होने उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है पंजाब सरकार के विजिलेंस विभाग को शिकायत की गई है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इसके अतिरिक्त बिना माँ बाप के 11 साल के बच्चे गुरशरण सिंह गैरी जो पढ़ाई कर रहा है उसकी जमीन, पूर्व कैप्टन त्रिलोचन सिंह की पत्नी रुपिंदर कौर की जमीन नागर सिंह की पत्नी मनजीत कौर की ज़मीन पर भी कब्जा किया गया है उन्होंने कहा कि बार-बार समझाने पर भी कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा। इसी प्रकार से नीना फ़ुल के बेटे नवदीप सिंह ने बताया कि उनकी ज़मीन पर भी कब्जा किया गया है जबकि उन्हें अब ज़मीन पर जाने से रोका जाता है और मारपीट की जाती है एवं झूठे केस बनाए जाते हैं।
पीड़ितों द्वारा बताया गया है कि वे गांव मियांपुर चांगड़ में विभिन्न रकबों में अपनी-अपनी जमीन के मालिक हैं, लेकिन एस7 होल्डिंग कंपनी द्वारा करीब 55 एकड़ जमीन गांव की विभिन्न जगहों से खरीदी गई है। और कंपनी द्वारा एक जगह पर कब्जा करके निर्माण कार्य किया जा रहा है। जब जमींदार कंपनी का काम रोकने के लिए मौके पर पहुंचे तो कंपनी के कर्मचारियों द्वारा उनके साथ झगड़ा किया गया और पूर्व सरपंच सज्जन सिंह के साथ मारपीट की गई, जिसकी वीडियो भी है। पुलिस ने मामले में सबूत होते हुए भी उल्टे सज्जन सिंह पर ही ट्रेस पासिंग का मामला दर्ज कर लिया।
जब भी ज़मींदारों द्वारा वहाँ जाकर काम रोकने की बात की जाती है, तो उनके साथ ज़बरदस्ती की जाती है। इसके उपरांत ज़मींदारों द्वारा अदालत का रुख किया गया और 3 अप्रैल 2024 को खरड़ अदालत द्वारा अमारी हिल प्रोजेक्ट की निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। इसके उपरांत अमारी हिल ने अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखा और दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत खरड़ की अदालत द्वारा स्थगन आदेश तारीख 20.05.2024 से पक्का कर दिया गया था और निर्माण पर बिना भूमि विभाजन कराए रोक लगा दी गई थी। लेकिन उसके बाद भी कंपनी ने निर्माण का काम नहीं रोका और आज तक मौके पर काम जारी है। जिसके कारण ज़मींदारों में भारी रोष है। इस समय ज़मींदारों ने बताया कि इस भूमि में करीब 11 कनाल क्षेत्रफल का मालिक एक 12-13 साल का बच्चा है, जिसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन कंपनी ने उसकी जमीन पर भी अवैध कब्जा कर लिया है। इसके अलावा जमीन की मालिक कई महिलाएं भी हैं, जो कंपनी के खिलाफ लड़ने की सामर्थ्य नहीं रखतीं और इस कारण कंपनी महिलाओं और बच्चों की जमीनों पर भी अवैध कब्जे कर रही है। इस संबंध में जमींदारों द्वारा विभिन्न अधिकारियों के पास कंपनी और केबीएस सिद्धू के बेटे के खिलाफ आवेदन दिए गए हैं। लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई। इस संबंध में अब जमींदारों ने विजिलेंस ब्यूरो पंजाब के पास भी अपने साथ हुई अन्य ज़बरदस्ती और अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेजों के आधार पर अमारी हिल के नाम पर मंजूरी देने संबंधी शिकायत की है। जमींदारों ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और प्रशासन और अदालत द्वारा उन्हें न्याय दिया जाएगा। जमींदारों ने अमारी हिल प्रोजेक्ट पर काम रोकने के लिए पुलिस से गुहार लगाई है और साथ ही के बी एस सिद्धू और उसके बेटे को जाली दस्तावेज तैयार करके ज़मींदारों की जमीनों पर कब्जा करने के अपराध में गिरफ्तारी की मांग की है।