चंडीगढ़ नगर निगम को मिल सकतें हैं 3000 करोड रुपए व नियमित आय साधन.. जसपाल सिंह

चंडीगढ़ … चंडीगढ़ प्रसक अगर चाहें तो नगर निगम को 3000 करोड रुपए मिल सकते हैं। मनीमाजरा निवासी एवं एंटी करप्शन सोसाइटी के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने कहा कि उपरोक्त 3000 करोड़ के साथ-साथ चंडीगढ़ नगर निगम के लिए मनीमाजरा से नियमित आय का साधन भी बन सकता है।

चंडीगढ़ नगर निगम महापौर हरप्रीत कौर बबला ने मनीमाजरा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट की जमीन की नीलामी हेतु दावा किया था कि इस भूमि या साइट की रिजर्व प्राइस 800 करोड़ रखी गई है और उन्हें उम्मीद है की इसकी बोली 1200 करोड़ रुपए तक जा सकती है ।

इस विषय पर चंडीगढ़ नगर निगम महापौर हरप्रीत कौर बबला ने इस कदर दिलचस्पी दिखाई की नगर निगम में प्रस्ताव पारित करवाने के लिए कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के सभी पार्षदों को मार्शल की मदद से नगर निगम बैठक से बाहर निकाल दिया। अजीब बात है कि कुल 35 पार्षदों में से केवल 16 पार्षद नगर निगम बैठक में मौजूद थे लेकिन अल्पमत होने के बावजूद इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।

इतना ही नहीं आमतौर पर जो एजेंडा पहली मीटिंग में पास होता है उसे कंफर्म करने के लिए एक महीने बाद दूसरी मीटिंग में रखा जाता है । पहली मीटिंग में पारित एजेंडा सभी पार्षदों को भेजा जाता है ताकि इसकी पुष्टि से पहले सभी पार्षद इसे पढ़ ले और नगर निगम बैठक दौरान अपने विचार पेश करें सभी पार्षदों की बात सुनने के बाद एक महीने पहले पारित ऐजेंडे की पुष्टि की जाती है लेकिन वर्तमान विवादास्पद साइट बेचने की इतनी जल्दी थी कि जिस मीटिंग में एजेंडा पास हुआ उसी मीटिंग में तुरंत बिना सभी पार्षदों का पक्ष जाने इस भूमि साइट बेचने के प्रस्ताव की पुष्टि कर दी गई ।

उपरोक्त नगर निगम कार्यवाही के लिए विपक्ष के सभी 19 पार्षदों ने चंडीगढ़ प्रशासन के पास शिकायत करके शिकायत करके इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है । अगर प्रस्ताव रद्द नहीं होता तो लोकतंत्र से खिलवाड़ और भ्रष्टाचार का संदेश जनता में जाएगा जो आने वाले नगर निगम चुनाव में भाजपा के लिए परेशानी बनेगा ।

एंटी करप्शन सोसाइटी के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने कहा कि उपरोक्त भूमि साइट से चंडीगढ़ नगर निगम के लिए मनीमाजरा से 3000 करोड़ रुपए के साथ-साथ नियमित आय का साधन भी बन सकता है।

जसपाल सिंह ने कहा कि उनके पास उपरोक्त विषय पर योजना है जिससे चंडीगढ़ नगर निगम को लाभ होगा, इतिहास बनेगा और चंडीगढ़ के माननीय प्रशासक व चंडीगढ़ का मान सम्मान बढ़ेगा लेकिन वह तभी अधिकारिक तौर पर कुछ कर पाएंगे अगर माननीय प्रशासक चंडीगढ़ उन्हें इस मामले में अपनी योजना अनुसार काम करने के लिए एक आदेश जारी करें ।

Please follow and like us:
Pin Share
YouTube
Pinterest
LinkedIn
Share