संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन से नियंत्रित किया जा सकता है ब्लड प्रेशर: डॉ. सुधांशु बुडाकोटी

 

– वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 17 मई को मनाया जाता है –

मोहाली, 16 मई 2025: हाइपरटेंशन, जिसे “साइलेंट किलर” के नाम से भी जाना जाता है, आज विश्वभर में तेजी से फैल रही एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यह हृदय रोगों का प्रमुख कारण है और इससे स्ट्रोक, हार्ट फेल्योर, एट्रियल फिब्रिलेशन, और परिधीय धमनियों की बीमारी हो सकती है।

फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुधांशु बुडाकोटी ने हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक ज़रूरी सलाह साझा की है, जिसमें उन्होंने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और जीवनशैली में सुधार पर ज़ोर दिया।

डॉ. बुडाकोटी ने बताया कि जब ब्लड प्रेशर 140/90 एमएमएचजी से ऊपर चला जाता है, तो उसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। यदि यह 180/120 एमएमएचजी से ऊपर हो जाए, तो स्थिति को हाइपरटेंसिव क्राइसिस माना जाता है। हाइपरटेंशन के कारण दिल की धड़कन अनियमित होना, हार्ट वॉल्व में खराबी, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

हाइपरटेंशन से जुड़ी भ्रांतियों पर बात करते हुए डॉ. बुडाकोटी ने कहा कि अक्सर यह माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ 150–160 सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर सामान्य है, जबकि यह एक खतरनाक भ्रम है। लंबे समय तक हाई बीपी को नजरअंदाज करने से गुर्दों, हृदय और मस्तिष्क पर गंभीर असर पड़ सकता है।
कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि दवाइयों से ब्लड प्रेशर बहुत नीचे चला जाएगा, लेकिन ‘लो बीपी से हार्ट प्रॉब्लम होती है’ – यह धारणा गलत है। लोगों को जागरूक होना चाहिए कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव पर नियंत्रण, और ब्लड प्रेशर की समय-समय पर जांच से इस समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है। हाई बीपी से जुड़ी किसी भी समस्या में कार्डियोलॉजिस्ट से तुरंत संपर्क करें।

लक्षणों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं – तेज सिरदर्द, सीने में दर्द, मतली, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी, धुंधली दृष्टि, उल्टी, बेचैनी, भ्रम, नाक से खून आना और हृदय गति में अनियमितता।

डॉ. बुडाकोटी ने सुझाव देते हुए बताया कि आहार में बदलाव, नमक की मात्रा कम करना, वजन घटाना, धूम्रपान छोड़ना, शारीरिक गतिविधि बढ़ाना, शराब का सेवन सीमित करना,तनाव को नियंत्रित करना, योग करना, और वायु प्रदूषण से बचाव करना सभी उपाय ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए बेहद प्रभावशाली हैं।

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