हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर मेरे विचारों को अपने समाचार पत्र में स्थान प्रदान करें ,मैं आपका आभारी रहूंगा …

 

“किसी राष्ट्र की वास्तविक प्रगति उसकी अपनी भाषाओं की प्रगति और विषेशकर राष्ट्र भाषा की प्रगति पर निर्भर करती है। हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली और समझे जाने वाली भाषा हिन्दी ही है और हिन्दी के प्रचार प्रसार से ही राष्ट्रीय एकता एवंम् अखण्डता को मजबूती प्रदान होगी। इसलिए अब समय आ चूका है के हम अब हिन्दी को पूर्णतः राष्ट्र भाषा घोषित करें और देश को एक सूत्र में पिरोया जाये । हिन्दी ही हमारे देश के पास एकमात्र विकल्प है क्योंकि यही एक ऐसी भाषा है जो हमारी सब भाषाओं की मूल भाषाओं के सबसे निकट और उसका सरल रूप है तथा हम सब यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मूल संस्कृति को संजोये रखने में भाषा का मुख्य योगदान रहता है।आज के समय में संसार में बोले जाने वाली प्रथम दस भाषाओं में हिन्दी का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। अगर आंकड़ों की बात करें तो हालिया सर्वेक्षण के अनुसार यह मंदारिन(चीनी)और अंग्रेजी के बाद विश्व में सबसे ज्यादा बोली एवं समझे जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है जिसे विश्व में तकरीबन ५५करोड़ लोग बोलते और समझते हैं।
इसलिए गर्व से कहो…
“हमारी शान,
हमारी पहचान…
भाषा हिन्दी,
वतन हिन्दुस्तान “…
जयभारतजयहिन्द…
किशोर कुमार शर्मा उर्फ विद्रोही, क्विज़ मास्टर,
38 बी स्पैंगल कौन्डोज़
ढाकोली, जिरकपुर ।

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