सेक्टर 74, 90 और 91 के निवासियों ने डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ किया जोरदार विरोध प्रदर्शन:

प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ जमकर की नारेबाजी

एसएएस नगर, मोहाली ( ):- सेक्टर 90 से चप्पड़चिड़ी जाने वाली सड़क पर बन रहे डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसी को लेकर आज बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी यहाँ एकत्रित हुए और प्रशासन व नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

सेक्टर 74, 90 और 91 की जॉइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन का कहना है कि रिहायशी इलाकों के पास डंपिंग ग्राउंड बनाना लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है। डंपिंग ग्राउंड से निकलने वाली बदबू के साथ-साथ मक्खियों और मच्छरों से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। इसका बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में सेक्टर के निवासियों ने हाईकोर्ट में केस जीता है, जिसमें स्पष्ट आदेश हैं कि सितंबर तक यहाँ डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा डालना बंद कर दिया जाए। लेकिन दुःख की बात है कि निगम और क्षेत्र के विधायक इस अदालती फैसले को न मानकर उसका उल्लंघन कर रहे हैं। यह न केवल लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है, बल्कि अदालती आदेशों की अवहेलना भी है।

निवासियों ने साफ कहा है कि वे किसी भी हालत में अपने इलाके में कूड़े का पहाड़ नहीं बनने देंगे। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस अलोकप्रिय फैसले को तुरंत रद्द करे और डंपिंग ग्राउंड के लिए कोई दूसरी वैकल्पिक जगह तलाशे जहाँ किसी रिहायशी इलाके को नुकसान न पहुँचे।

निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर काम नहीं रोका गया, तो विरोध तेज किया जाएगा और जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।

माननीय हाई कोर्ट की ओर से डंपिंग ग्राउंड मामले में नियुक्त किए गए लोकल कमिश्नर श्री बराड़ आज धरना स्थल पर पहुँचे। उन्होंने स्थानीय निवासियों एवं एसोसिएशन की परेशानियाँ, शिकायतें और उनकी आवाज़ सुनी। मौके पर उन्होंने लोगों का आक्रोश भी देखा और यह माना कि प्रशासन हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है।

लोकल कमिश्नर श्री बराड़ ने आश्वासन दिया कि वह पूरी स्थिति की जानकारी माननीय हाई कोर्ट के जज तक पहुँचाएँगे। साथ ही उन्होंने स्थानीय निवासियों और एसोसिएशन से कहा कि वे निश्चिंत रहें—हाई कोर्ट के आदेश की उल्लंघना किसी भी संस्था को करने नहीं दी जाएगी।

1. जनहित में बताया जा रहा है कि यह कूड़ा डंपिंग ग्राउंड 2005 में नगर निगम मोहाली द्वारा शुरू किया गया था।

2. उस समय नगर निगम मोहाली ने इसे एक अतिरिक्त नदी समझकर कूड़ा डालना शुरू किया था। लेकिन बाद में इसे यहाँ स्थायी कर दिया गया।

3. मई 2002 से इस जगह के आसपास रिहायशी प्लॉट आवंटित किए जा रहे थे और उससे पहले यहाँ औद्योगिक प्लॉट और आईटी कंपनियाँ काम कर रही थीं।

4. यहाँ के निवासियों ने इसका विरोध किया, लेकिन जब सरकार ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया, तो सेक्टर 74 के आर.डब्ल्यू.एस. ने 2006 में माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया।

5. परिणामस्वरूप, मई 2012 को माननीय न्यायालय के निर्देशों पर, स्थानीय निकाय विभाग, पंजाब सरकार के प्रधान सचिव, चंडीगढ़ ने न्यायालय में एक हलफ़नामा दायर किया कि सरकार ने गाँव समगौली के पास डेरावासी में 50 एकड़ ज़मीन बसा ली है। और उसी हलफ़नामे में यह वादा किया गया था कि अगले 18 महीनों के भीतर उस 50 एकड़ ज़मीन पर ज़रूरी मशीनरी लगा दी जाएगी और मोहाली शहर का कूड़ा वहाँ से उठना शुरू कर दिया जाएगा।

6. 2018 तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और कूड़ा 8बी में ही डाला जाता रहा।

7. अंततः, सेक्टर 74 स्थित आर.डब्लू.एस. ने 2012 के फैसले को लागू करवाने के लिए माननीय न्यायालय का दरवाजा फिर खटखटाया।

8. परिणामस्वरूप, 2024 तक मौजूदा डंपिंग ग्राउंड को खाली करने और भविष्य में वहाँ कूड़ा न डालने का आदेश दिया गया। जिसका मोहाली प्रशासन ने पालन करने का आश्वासन दिया और उसका पालन भी किया।

9. अब अचानक आर.डब्लू.एस. सेक्टर 74 को पता चला कि वर्तमान क्षेत्र के विधायक साहब 13 अगस्त 2025 को 5 फेज मोहाली के कूड़ा संग्रहण स्थल पर बैठे और उपस्थित जनसमूह से वादा किया कि तीन महीने के भीतर 5 फेज के कूड़ा संग्रहण स्थल को बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह एक नया स्थान बनाया जाएगा।

10. बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि अगले ही दिन से पुराना डंपिंग ग्राउंड, जिसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बंद कर दिया गया था। उसके ठीक पास, उसी ज़मीन पर उन्हीं नंबरों से कूड़ा संग्रहण स्थल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई। जो माननीय उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, पंजाब प्रदूषण बोर्ड एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के आदेशों का घोर उल्लंघन है। साथ ही, क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य के साथ भी बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है।

अंततः, क्षेत्र के सभी निवासियों की सरकार, वर्तमान एवं पूर्व नेताओं से अनुरोध है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए इस उत्पीड़न को रोकें।

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