chandigarh
कांग्रेस ने चंडीगढ़ नगर निगम की वर्तमान खस्ताहाल वित्तीय स्थिति के कारण बताते हुए नगर निगम आयुक्त से तुरंत एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है ताकि निगम को इस बदहाल हालत में लाने की जिम्मेवार लोगों को जनता के सामने लाया जा सके।
चंडीगढ़ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने वर्ष 2016 से 2023 के बीच की अवधि के दौरान चंडीगढ़ नगर निगम में व्यापत भ्रष्टाचार, अपव्यय औऱ संसाधनों के दुरुपयोग पर काँग्रेस पार्टी की गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज चंडीगढ़ के लोगों को यह जानने की ज़रूरत है कि भाजपा के पार्षदों ने इस अवधि के दौरान चंडीगढ़ नगर निगम की वित्तीय स्थिति को किस तरह से बर्बाद कर दिया है, जिसके कारण पहले वर्ष 2017 में और फिर हाल में वर्ष 2023 में शहर के सभी विकास कार्य रोकने पड़े थे। पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया कि चंडीगढ़ नगर निगम के पास वर्ष 2015 में 500 करोड़ रुपये की बैंक फिक्स्ड डिपोजिट थी, जिसे अगले कुछ वर्षों में फिजूलखर्ची में खर्च कर दिया गया। 500 करोड़ रुपयों की इस जमा पूँजी को समाप्त करने के बाद निगम पर लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्जा भी चढ़ा दिया गया। उन्होनें आरोप लगाया कि यह सब तब हुआ, जब नगर निगम में भाजपा के महापौर और उनकी पार्टी का बहुमत था। काँग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने कहा आज शहर के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि कभी वित्तीय रूप से मजबूत रहे चंडीगढ़ नगर निगम के संसाधनों के हरण करने के लिए कौन कौन लोग ज़िम्मेदार है।
कांग्रेस पार्टी ने चंडीगढ़ प्रशासन की भी आलोचना करते हुए कहा कि उसने चंडीगढ़ नगर निगम के नागरिक कार्यों को पूरा करने और अपनी जिम्मेदारियाँ निभाने के लिए ज़रूरी धन के वैध दावे को मनमाने तरीके से अस्वीकार कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता नें कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश के 6513 करोड़ रुपयों के कुल बजट में से नगर निगम का हिस्सा 1700 करोड़ रुपये से अधिक का बनता है। इसके उलट चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इसे केवल 560 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए हैं, जो कि यूटी के कुल बजट का 10% से भी कम है। उन्होंने कहा कि निगम शहर में सड़कों की रीकार्पेटिंग, स्ट्रीट लाइटिंग, स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्ट्रीट लाइटिंग और इस जैसे कई महत्वपूर्ण नागरिक कार्यों को करता है, जिसके लिये स्टेट वित्त आयोग उसे कुल बजट का 30% देने की सिफारिश करता है, जब कि प्रशासन द्वारा निगम के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उसे 10 % से भी कम राशि दी गई है।
कांग्रेस पार्टी ने नगर निगम आयुक्त से अपील की है कि वे तुरंत चंडीगढ़ के लोगों के सामने ये सभी तथ्य रखें और नगर निगम की वर्तमान दयनीय वित्तीय स्थिति के कारणों की पहचान करें ताकि शहर को सही मायनों में नागरिक सुविधाएं प्रदान के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।