- -प्रेस कॉन्फ्रेंस में 37 सूत्री घोषणापत्र जारी किया
- -टीवीयूएफ ने पीयू टीचर्स के लिए ओपीएस की बहाली की भी मांग की
चंडीगढ़, 1 सितंबर, 2024: टीवीयूएफ (टीचर्स वॉयस यूनाइटेड फ्रंट) ने रविवार को पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन-पूटा (पीयूटीए)-2024-25 के चुनावों के लिए अपने विजन स्टेटमेंट को जारी किया। इसमें प्रमुख तौर पर यूनिवर्सिटी के एकेडमिक इकोसिस्टम में और अधिक सुधार और फैकेल्टी सदस्यों के लिए अधिक सुविधाएं जुटाने और शिक्षण को आसान बनाने का वादा किया गया।
टीवीयूएफ के वाइब्रेंट पैनल में अध्यक्ष पद के लिए अशोक कुमार (हिंदी), उपाध्यक्ष पद के लिए सुरुचि आदित्य (डेंटल कॉलेज), सचिव पद के लिए कुलविंदर सिंह (यूबीएस), संयुक्त सचिव पद के लिए विनोद कुमार (सोशियोलॉजी) और कोषाध्यक्ष पद के लिए पंकज श्रीवास्तव (फिलोसॉफी) शामिल हैं।
एग्जीक्यूटिव सदस्यों के लिए, टीवीयूएफ के प्रतियोगी ग्रुप I के लिए उम्मीद हैं: सुधीर मेहरा (इंग्लिशन एंड कल्चरल स्टडीज), राकेश मोहिंद्रा (लाइब्रेरी यूबीएस); ग्रुप III: मिंटो रतन (यूआईईटी), इकरीत सिंह (डेंटल कॉलेज); जगेत सिंह (यूआईईटी); और ग्रुप V: हरमेल सिंह (यूएसओएल/सीडीओई)।
पूटा चुनाव 3 सितंबर, 2024 को होने वाले हैं।
घोषणापत्र में कई अन्य वादों के अलावा पीयू टीचर्स के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की बात की गई है। टीवीयूएफ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अशोक कुमार ने कहा कि “हमारे घोषणापत्र में पीयू में टीचिंग कम्युनिटी के सामने आने वाले सभी प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है। मुझे यकीन है कि यह पीयू को उस गौरव को वापस पाने में मदद करेगा जो यूनिवर्सिटी ने मौजूदा व्यवस्था के तहत खो दिया है।”
कुमार ने कहा कि “यदि हम चुने जाते हैं और निर्वाचित होते हैं, तो हम टीचर्स के वेतन बकाया को ब्याज सहित जारी करने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित करने, रेजिडेंट ऑडिट ऑफिसर (आरएओ) द्वारा अकादमिक ऑडिट को रोकने, पूटा संविधान के अनुसार जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) संचालन मैकेनिज्म को बहाल करने और सेवानिवृत्त फैकेल्टी सदस्यों के लिए रिटायरमेंट लाभों के परेशानी मुक्त जारी किए जाने के लिए लड़ेंगे।”
टीवीयूएफ की उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार सुरुचि आदित्य ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करेंगे कि फैकेल्टी की भर्ती संवैधानिक दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए की जाए ताकि कोटा नीति सहित किसी भी नियम के उल्लंघन से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि “हम यूनिवर्सिटी के भीतर एक निरंतरता वाला सीएएस प्रमोशन मैकेनिज्म भी स्थापित करेंगे, जिसमें प्रमोशन विंडो साल में तीन बार खुलेगी।”
पूटा सचिव पद के लिए टीवीयूएफ के उम्मीदवार कुलविंदर सिंह ने कहा कि “यदि उनका पैनल जीतता है, तो हम डेंटल इंस्टीट्यूट में डीएसीपी को लागू करने में देरी को दूर करेंगे, जहां एक साल से अधिक समय से आवेदकों के आवेदन लंबित हैं। हम वैज्ञानिकों के वेतनमान के अनुसार प्रोग्रामिंग कर्मचारियों के लिए केंद्रीय वेतन आयोग भत्ते और एक व्यापक प्रमोशन पॉलिसी लागू करवाएंगे।”
संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे विनोद कुमार ने कहा कि “टीवीयूएफ विभाग के अंदर होने वाले विवादों को रोकने के लिए सहायक प्रोफेसरों के लिए उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के विवादों का सौहार्दपूर्ण माहौल में समाधान के लिए एक मैकेनिज्म स्थापित किया जाएगा। हम सीनियर प्रोफेसरों की गरिमा को बनाए रखेंगे और उनके योगदान को उचित सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे।”
कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि “टीवीयूएफ के घोषणापत्र की कुछ अन्य प्रमुख विशेषताओं में पंजाब सरकार के स्तर पर सभी के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करना, यूनिवर्सिटी कर्मचारियों के बच्चों के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी कोर्सेज में प्रवेश में दो प्रतिशत आरक्षण फीस रियायत के साथ और यूजीसी नियमों के अनुसार पीयू कर्मचारियों के बच्चों के लिए एजुकेशन अलाऊंस शामिल है।”
मीडिया के एक सवाल के जवाब में टीवीयूएफ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अशोक कुमार ने कहा कि “पंजाब यूनिवर्सिटी में टीचिंग कम्युनिटी कई लंबे समय से अनसुलझे मुद्दों से जूझ रही है। टीवीयूएफ द्वारा वीसी ऑफिस के बाहर 200 दिनों के मौन विरोध के बाद 175 करोड़ रुपये की सरकारी मंजूरी प्राप्त करने के बावजूद, वर्तमान पुटा यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि यह पैसा यूनिवर्सिटी फैकेल्टी तक पहुंचे।”
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप I के लिए चुनाव लड़ रहे सुधीर मेहरा ने दुख जताया कि पूटा के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से समझौता किया गया है, क्योंकि वर्तमान पूटा अध्यक्ष और सचिव द्वारा न तो जनरल बॉडी मीटिंग्स और न ही एग्जीक्यूटिव मीटिंग्स आयोजित की गईं।
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप I के पद के लिए चुनाव लड़ रहे राकेश मोहिंद्रा ने कहा कि पूटा अपने व्यक्तिगत विवादों को निपटाने में व्यस्त था और वर्तमान पूटा पदाधिकारियों ने उन पदों के लिए प्रमोशन हासिल करने का प्रयास किया है जिनके लिए वे पात्र नहीं थे, जबकि कई अन्य ने जल्दी से अपनी पिछली सर्विस को भी रिकॉर्ड में गिना लिया।
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के पद के लिए चुनाव लड़ रहे मिंटो रतन ने कहा कि “इस मोड़ पर, टीवीयूएफ फैकेल्टी सदस्यों, यूनिवर्सिटी कर्मचारियों, उनके बच्चों, पीयू और उसके छात्रों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध एक ताकत के रूप में उभरा है।”
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के लिए चुनाव लड़ रहे इकरीत सिंह ने कहा कि “हमने अंकुर स्कूल में अनियमितताओं के बारे में लगातार चिंता जताई है और अधिकारियों पर उन्हें दूर करने के लिए दबाव डाला है।”
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के लिए चुनाव लड़ रहे जगेत सिंह ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि टीचिंग कम्युनिटी टीवीयूएफ टीम पर अपना भरोसा रखेगा और हमें वोट और पूर्ण समर्थन से सशक्त करेगा ताकि एक लोकतांत्रिक, मजबूत, ईमानदार, निडर और कम्युनिटी की बेहतरी पर ध्यान केन्द्रित करने वाली पूटा की स्थापना की जा सके।”
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप V के लिए चुनाव लड़ रहे हरमेल सिंह ने कहा कि “हमारा पैनल और विज़न स्टेटमेंट उन मुद्दों के अनुरूप है, जो संपूर्ण तौर पर यूनिवर्सिटी के एकेडमिक इकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।”