वायलिन की धुनों से खनकी केन्द्र की 296वीं मासिक बैठक

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा हर माह आयोजित होने वाली मासिक बैठकों की श्रृंखला में आज यहां इसी की 296वीं कड़ी में मधुर वायलिन वादन की प्रस्तुति पेश की गई । दिल्ली से आए शुभम सरकार ने अपने सधे हुए वायलिन वादन से दर्शकों की खूब सराहना प्राप्त की ।इनके साथ तबले पर इनके पिता श्री प्रदीप सरकार ने बखूबी साथ दिया । पिता पुत्र की इस जोड़ी ने दर्शकों के दिल में घर कर लिया ।
इस कार्यक्रम का आयोजन हमेशा की भांति केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में साय 6ण्00 बजे से किया गया । इस अवसर पर चण्डीगढ़़ के कुछ जानेमाने कलाकारों ने अपनी उपस्थिति से चार चांद लगा दिए । आज के कार्यक्रम में दिल्ली से उस्ताद अकरम खान भी उपस्थित थे।

शुभम सरकार दिल्ली की ऐसी प्रशसित युवा वायलिन वादक है जिन्हें महान कलाकार पद्मश्री पंडित भजन सोपोरी के शिष्यत्व में वायलिन सीखने का अवसर और बहुमूल्य मार्गदर्शन मिला । आजकल शुभम वायलिन वादक पंडित संतोष नाहर से वायलिन वादन की बारीकियां सीख रहे हैं। शुभम ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संगीत वायलिन में एम.ए.की डिग्री प्राप्त की है ।

कार्यक्रम की शुरूआत शुभम ने राग जोग से की जिसमें तंत्रकारी अंग में सजी नौ मात्रा की विलम्बित ताल में आलाप से शुरूआत की । इसके उपरांत एकताल मध्य लय में तथा द्रुत तीन ताल में भी झाला पेश किया । तंत्रकारी अंग में महारथ रखने वाले शुभम ने नौ मात्रा में विभिन्न लयकारियों से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी । शुभम गायकी अंग पर भी उतनी ही पकड़ रखते हैं । कार्यक्रम का समापन इन्होंने भटियाली धुन से किया । तबले पर शुभम के पिता श्री प्रदीप सरकार न बखूबी रंग जमाया । कार्यक्रम के अंत में केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को उतरीया एव मोमेंटो देकर सम्मानित किया ।

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