आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता प्रेम गर्ग ने नगर निगम द्वारा कुछ उच्च-राजस्व वाले सामुदायिक केंद्रों को संचालन और रखरखाव के नाम पर निजी हाथों में सौंपने के प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस कदम को सामुदायिक केंद्रों के मूल उद्देश्य के विरुद्ध बताया है।
प्रेम गर्ग ने कहा कि ये सामुदायिक केंद्र कभी भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसे होटल, मोटल या रेस्तरां के रूप में चलाने के लिए नहीं बनाए गए थे। इनका उद्देश्य है कि जनता यहां शादियों, जन्मदिन समारोहों, होली, लोहड़ी, दीवाली जैसे सामुदायिक त्योहारों और भोग जैसे सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सके।ये केंद्र सार्वजनिक उपयोग के लिए बहुउद्देश्यीय स्थान हैं, न कि मुनाफा कमाने वाले व्यवसाय।
उन्होंने कहा, “निजीकरण से इन केंद्रों का सार्वजनिक उपयोग प्रभावित होगा और रिहायशी इलाकों में अनावश्यक परेशानी उत्पन्न होगी। राजस्व बढ़ाने के लिए इन्हें निजी हाथों में सौंपने की बजाय, नगर निगम को ऐसे विकल्प तलाशने चाहिए जो जनहित में हों। सामुदायिक केंद्रों का उपयोग इनडोर खेल, योग, जिम, धार्मिक कार्यक्रम, कॉर्पोरेट बैठकें और सार्वजनिक समारोहों के लिए किया जा सकता है।”
प्रेम गर्ग ने यह भी कहा कि इन सामुदायिक केंद्रों में जनता के धन का भारी निवेश है। प्रत्येक सामुदायिक केंद्र की जमीन की वर्तमान कीमत ₹100 से ₹200 करोड़ के बीच है, और इन्हें कुछ लाख रुपये महीने में किराए पर देना जनता के पैसे का दुरुपयोग होगा। उन्होंने सवाल उठाया, “नगर निगम को ऐसे सुझाव कौन देता है? इस कदम को तुरंत रोका जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि चंडीगढ़ में पहले से ही पर्याप्त होटल और रेस्तरां मौजूद हैं। ऐसे में सामुदायिक केंद्रों को रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना पूरी तरह से अनुचित है।
प्रेम गर्ग ने सभी नागरिकों से एकजुट होकर इस प्रस्ताव का विरोध करने की अपील की ताकि सामुदायिक केंद्र अपने मूल उद्देश्य की पूर्ति करते रहें और सामुदायिक एकता को मजबूत कर सकें।