मतदान के दौरान “वोट चोरी” को छिपाने के लिए सरकार ने नियम में संशोधन किया ।

 

07 जनवरी 2025 को दिल्ली चुनाव के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों में मतदान प्रक्रिया को दिखाने वाले सीसीटीवी फुटेज को जनता या किसी उम्मीदवार के साथ सांझा नहीं किया जाएगा।

यह मतदान के दिन शाम 5 बजे के बाद किए गए फर्जी मतदान की घटनाओं को छिपाने के लिए भाजपा का एक नापाक प्रयास के अलावा कुछ नहीं है। वोटिंग चोरी छुपाने के लिए मोदी सरकार ने चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करके चुनाव संचालन उन नियमों को बदल दिया है, जिसमें उम्मीदवार को चुनाव से संबंधित दस्तावेज जारी करने का प्रावधान है।

दरअसल, 09.12.2024 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज जारी करने के निर्देश जारी किए थे। यदि हाईकोर्ट के आदेशानुसार सीसीटीवी फुटेज जनता के सामने आ जाती तो वोटिंग वाले दिन शाम पांच बजे के बाद वास्तव में ऐसा क्या हुआ, जिसके कारण रातों-रात लाखों वोट बढ़ गए, भी जनता के सामने आ जाता। इसलिए, कि चोरी पकड़ी न जाए, इस उद्देश्य से नियमों में जल्दबाजी में संशोधन कर दिया गया।

एक बार फिर मोदी सरकार और चुनाव आयोग की इन संविधान विरोधी हरकतों से लड़ने की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी के कंधों पर आ गई है।

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