समाज को साइकिलिंग, फिटनेस और मानवता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सुमेर बंसल ने अल्ट्रा साइकिलिंग रेस में लिया हिस्सा

  • कश्मीर से कन्याकुमारी तक की 3,758 की दूरी 11 दिन, 11 घंटे और 50 मिनट में की पूरी
  • इंडियन ऑयल रेस एक्रॉस इंडिया का दूसरा संस्करण दो बार सोलो फ़िनिशर के रूप में किया पूरा

चंडीगढ़:– पंजाब के एक अनुभवी सप्लाई चेन कंसल्टेंट और धीरज एथलीट सुमेर बंसल ने इंडियन ऑयल रेस एक्रॉस इंडिया को दूसरी बार सोलो फ़िनिशर के रूप में पूरा करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस रेस के माध्यम से सुमेर बंसल ने लोगों को साइकिलिंग को दैनिक ट्रांसपोर्ट के एक स्थायी तरीके के रूप में बढ़ावा देने, इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ, वैश्विक शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवता के बारे में जागरूक करने का बीड़ा उठाया था।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुमेर बंसल ने बताया कि वो खुद एक फिटनेस प्रेमी है और समाज को सामाजिक संदेश के जरिए जागरूक करते आ रहे हैं। वो चाहते है कि लोग साइकिलिंग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ को समझे। इसीलिए उन्होंने इस अल्ट्रा साइक्लिंग रेस में हिस्सा लेना मुनासिब समझा क्योंकि इससे पूरे भारत मे संदेश दिया जा सकता है। सुमेर बंसल ने आगे बताया कि श्रीनगर से कन्याकुमारी तक 3,758 किलोमीटर की यह दौड़ एशिया की सबसे लंबी अल्ट्रा-साइक्लिंग चुनौती है और धीरज की सच्ची परीक्षा है। 10 अक्टूबर 2024 को शुरू होकर 21 अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाली इस दौड़ को उन्होंने (सुमेर बंसल) ने 11 दिन, 11 घंटे और 50 मिनट में पूरा किया। इससे पहले उन्होंने मार्च 2023 में उद्घाटन संस्करण को 11 दिन, 22 घंटे और 14 मिनट में पूरा किया था। एकल प्रतियोगी के रूप में इस भीषण दौड़ को दो बार पूरा करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो उनकी असाधारण सहनशक्ति और लचीलेपन को दर्शाता है।
सुमेर ने कहा कि इंडियन ऑयल रेस एक्रॉस इंडिया एक शारीरिक और मानसिक चुनौती है। दो बार एकल फिनिशर होना खेल और मेरे पेशेवर जीवन में सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए मेरे समर्पण को दर्शाता है। यह अनुशासन, लचीलापन और फोकस के बारे में है।” रेस के नतीजे रेस एक्रॉस इंडिया पर देखे जा सकते हैं, आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों पर अपडेट उपलब्ध हैं। यह आयोजन न केवल भारत की सबसे लंबी अल्ट्रा-साइक्लिंग रेस है, बल्कि वर्ल्ड अल्ट्रा साइक्लिंग एसोसिएशन (WUCA) के तहत एक प्रमुख आयोजन भी है, जिसे एशियाई अल्ट्रा साइक्लिंग चैम्पियनशिप के रूप में मान्यता प्राप्त है। अपनी साइकिलिंग उपलब्धियों के अलावा, सुमेर ने कई हाई-प्रोफाइल सप्लाई चेन प्रोजेक्ट्स का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है, रणनीतिक योजना और परिचालन उत्कृष्टता के माध्यम से व्यावसायिक सफलता हासिल की है। बोर्डरूम से खुली सड़कों तक का उनका सफर दबाव में उत्कृष्टता हासिल करने और उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयास करने की उनकी क्षमता का प्रतीक है।

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