आइपीएस पूरन कुमार के क़ातिलों को बचा रही राज्य सरकार :सुमन

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन कल दिवंगत IPS पूरन कुमार के के चंडीगढ़ स्थित आवास पहुंचे।यहां पहुंचकर उन्होंने श्रद्धांजलि दी और दिवंगत IPS के पिता से मिलकर उनको ढांढस बंधाया।परिवार से मिलने के बाद श्री सुमन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ips पूरन कुमार की यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है,इस घटना ने पूरे देशवासियों को विशेष कर दलित समुदाय को झकझोर दिया है,दलित समुदाय से आने के कारण ही उन्हें जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा,जिसके चलते श्री पूरन कुमार ने अपनी जान दे दी,इस घटना के जिम्मेदार आला अफसरान हैं ,जैसा कि श्री पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में स्पष्ट लिखा था,भाजपा शासित राज्य सरकार इस षडयंत्र में शामिल है और दोषी अफसरों को बचाने का काम कर रही है,
श्री सुमन ने कहा कि इस घटना से सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है भाजपा की सरकार में दलितों की स्थिति क्या है और उनके साथ कैसा व्यवहार हो रहा है ,यदि एक वरिष्ठ IPS अधिकारी के साथ ऐसा सलूक हुआ है तो देश में दलित वर्ग से आने वाले कर्मचारियों को किन किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, आज RSS और मनुवादी मनोवृत्ति के लोग सत्ता में काबिज हैं इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं।उन्होंने इस घटना की हो रही जांच पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि एक उपनिरीक्षक द्वारा पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की जांच कैसे निष्पक्ष हो सकती है?राज्य सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता इसलिए इसक घटना की जांच हाइकोर्ट के आसीन न्यायाधीश से कराई जाए।
सहायक उपनिरीक्षक लाठर के सवाल पर श्री सुमन ने कहा कि यदि उनके पास कोई साक्ष्य थे तो उन्हें जान देने के की क्या जरूरत पड़ी ,साक्ष्य प्रस्तुत करने चाहिए थे,कुल मिलाकर यह सब कुछ समझ से परे है और गंभीर जांच का विषय है कि आखिरकार पूरा का पूरा प्रशासन और राज्य सरकार में यह सब चल क्या रहा है। आम नागरिकों का भरोसा इस सरकार से उठ चुका है।
श्री सुमन के साथ प्रतिनिधि मंडल में डॉ विक्रम यादव अध्यक्ष, त्रिभुवन राजभर,राधेश्याम यादव, शेष नाथ यादव, सरदार जोगिंदर सिंह, महेन्द्र यादव, राजनारायण यादव, पंकज यादव, अवधेश कुमार, सुरजीत यादव, बलजीत सिंह, सुरेंद्र ठाकुर, संजीव वर्मा, नागेंद्र गुप्ता,राम शरीफ यादव, श्री प्रकाश यादव, अजर कुमार, अधिवक्ता राजेंद्र यादव, धर्म देव, अब्दुल खान, संतोष कुमार, राम आधार जी, विजय शंकर जी, दिलीप चौहान, पन्ने लाल मौजूद रहे।

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