चंडीगढ़
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष एवं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के विषयों से संबंधित डाउट को हल करवाने के लिए स्कूल आने की अनुमति प्रदान करने की मांग की है।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि भारत विभिन्न मौसमों का देश है, जहां समय-समय पर बारिश, गर्मी और शीतकालीन मौसम का आगमन होता रहता है। हमारे विद्यालयों का कैलेंडर भी अंग्रेजों द्वारा बनाए गए उसी पुराने ढांचे के अनुसार चलता आ रहा है। समय के साथ शिक्षा में दो पद्धतियों का विकास हुआ है:
1. परंपरागत स्कूल शिक्षा पद्धति, जिसमें आम और खास सभी प्रकार के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं।
2. कोचिंग प्रणाली, जिसमें केवल खास प्रकार के परिवारों के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब सरकार छुट्टियां घोषित करती है, तो अमीर परिवारों के बच्चे कोचिंग संस्थानों और ट्यूशन सेंटर्स के माध्यम से अपनी शिक्षा जारी रखते हैं, क्योंकि इन छुट्टियों का प्रभाव इन संस्थानों पर नहीं पड़ता। जबकि गरीब अभिभावकों के बच्चे, जो सामान्यतः अपने स्कूलों पर ही निर्भर होते हैं, उनकी शिक्षा पूरी तरह बाधित हो जाती है। इसका सीधा प्रभाव उनके परीक्षा के परिणामों पर पड़ता है।
कुलभूषण शर्मा ने मांग की है कि गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव न पड़े, इसके लिए उन्हें डाउट क्लास के लिए स्कूल आने की अनुमति दी जानी चाहिए