सरकारी आदर्श उच्च विद्यालय, करसन फेज़ 1, रामदरबार, चण्डीगढ़ में कार्यक्रम आयोजित

नशा-मुक्त भारत अभियान में श्री अनूप सरीन, समाजसेवी एवं संस्थापक, भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान ने भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान की ओर से आज सरकारी आदर्श उच्च विद्यालय, करसन फेज़ 1, रामदरबार, चण्डीगढ़ में कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव पर बहुत सुन्दर संदेश दिया कि हमारा शरीर एक रथ है, आत्मा रथी है, बुद्धि सारथी है, मन लगाम है और इंद्रियां घोड़े हैं। हमने अपने शरीर, मन और विचारों को बुद्धि रूपी सारथी से नियंत्रित रखना है और किसी भी बुरी संगत से बचना है। श्री अनूप सरीन एवं डा. धर्मेन्दर, मुख्य प्राध्यापक ने मुख्य अतिथि, श्री जसविन्दर सिंह, डी.एस.पी. एस.डी.पी.ओ. साउथ का हार्दिक स्वागत किया।

श्री जसविन्दर सिंह ने अपने संदेश में बताया कि युवा किसी भी राष्ट्र की ऊर्जा होते हैं तथा युवाओं की शक्ति का समाज एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। नशीली दवाओं के सेवन से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोग नशीली दवाओं के खतरों के बारे में जागरूक हों। यह देखा गया है कि घनिष्ठ मित्र ही नशे के लिए प्रेरित करते हैं, इसलिए उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों को अच्छी आदतें और शारीरिक गतिविधियां अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी से प्रण करवाया कि वे किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहेंगें। डी.एस.पी. ने पुलिस स्टेशन की कार्यप्रणाली और समावेश केंद्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर डा. आशु वर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक, परिवार कल्याण विभाग, चण्डीगढ़ ने बताया कि यदि कोई नशीली दवाओं के सेवन के लिए बाध्य करता है तो उसको सख्ती से मना करना चाहिए और अध्यापक या परिजनों को तुरंत सूचित करना चाहिए।

इस अवसर पर डा. संदीप अरोड़ा, डैंटल सर्जन, सूद भवन, सैक्टर 44ए, चण्डीगढ़ ने “नशा नहीं अपनाएंगे – भारत को नशा-मुक्त बनाएंगे” का संकल्प दिलाया। उन्होंने स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया और नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन खाना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव का प्रबंधन करने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर श्री देविन्दर पाल सहगल ने नशा मुक्त होने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि नशे में कैमिकल्स होते हैं जो दिमाग का संतुलन बिगाड़ देते हैं और शरीर के कई आवश्यक अंगों को खराब कर देते हैं। बच्चों को कोई न कोई हाबी जैसे पेंटिंग, डांस, आउटडोर गेम्स, आदि में भाग लेना लाभदायक है।

सभी बच्चे,बच्चियों ने नशे के खिलाफ स्लोगन पट्टियों को लहराया और “नशामुक्त भारत” बनाने का संकल्प लिया। डा. धर्मेन्दर जी, मुख्य प्राध्यापक ने आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर सर्व श्री राजीव कुमार, एस.एच.ओ. पी.एस.31; SI सुनील कुमार इंचार्ज PP हल्लोमाजरा; L/ASI श्रीमति जसविन्दर कौर, इंचार्ज, समावेश केंद्र, PS-31 और स्टाफ; कान्सटेबल नवदीप एवं जगतजीत सिंह; भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान से अशोक शर्मा; कौशल शर्मा; विशव गुप्ता; नरेश गोयल; ड. देविंदर पाल सहगल; भुपिंदर; चंदन; रोहित; कैलाश चंद; दीपक गुप्ता; हिमांशु; धर्मिंदेर सूद; शिराज; नरिन्दर शर्मा एवं कुंदन बैरवा की प्रेरणादायक उपस्थिति रही।

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