हेमंत उत्सव के दूसरे दिन सितार की मधुर धुनों से दर्शक मंत्रमुग्ध

 

प्राचीन कला केन्द्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय हेमंतोत्सव के दूसरे दिन आज यहां एम एल कौसर सभागार में दिल्ली के पंजाब के जाने माने सितार वादक पंडित मनु कुमार सीन ने अपनी यादगारी प्रस्तुति से कार्यक्रम को एक यादगारी शाम के रूप में बांध दिया।

पंडित मनु कुमार सीन भारतीय शास्त्री संगीत की दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और अनोखे सितार वादकों में से एक हैं। एक संपूर्ण संगीतकार जिन्होंने न केवल अपने वाद्य सितार में महारत हासिल की, बल्कि जीवन भर सितार सीखने और अभ्यास के माध्यम से अपनी अनूठी वादन शैली (यानी बजाने की शैली) विकसित करने की दुर्लभ कलात्मक उपलब्धि भी हासिल की। 14 वर्षों तक उन्होंने अपने महान पिता तबला संगीताचार्य पंडित लछमन सिंह सीन से गायन, तबला और सितार सीखा और उसके बाद उन्होंने उस्ताद उस्ताद शाहिद परवेज़ से भी 6 वर्षों सितार वादन की बारीकियां सीखी। पंजाब के गौरव के रूप में प्रशंसित, पंडित मनु कुमार सीन पंजाब के इतिहास में सबसे कम उम्र के सितार वादक हैं जिन्होंने 2013 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) से ‘टॉप ग्रेड’ हासिल किया है। वह सुर श्रृंगार संसद, मुंबई (2006) से प्रतिष्ठित सुरमणि पुरस्कार 2006 के प्राप्तकर्ता भी हैं। 2019 में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें सितार और भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में पंजाब में उनके योगदान के लिए पंजाब सरकार द्वारा प्रमाण पत्र राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। पंडित मनु कुमार सीन गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से एमए संगीत और एमए अंग्रेजी दोनों में स्वर्ण पदक विजेता हैं। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे प्रतिष्ठित समारोहों में से एक, जैसे सप्तक महोत्सव, स्वामी हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन, भास्कर राव संगीत सम्मेलन, आकाशवाणी संगीत सम्मेलन, स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन में भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को सम्मोहित किया है।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत मनु कुमार सीन ने राग गावती जोकि पंजाब घराने में शुद्ध भीम राग भी कहा जाता है , से की । इन्होंने आलाप के बाद जोड़,झाला की बेहतरीन प्रस्तुति दी। इसके बाद मनु जी ने तीन ताल में निबद्ध विलम्बित एवं द्रुत गत प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी। इसके पश्चात कुछ खूबसूरत बंदिशों से समां बांधा । अपने कार्यक्रम का समापन मनु कुमार सीन ने राग मिश्र खमाज पर आधारित एक धुन से किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इनके साथ अमृतसर के जाने माने तबला वादक श्री सिद्धार्थ चटर्जी ने तबले पर बखूबी साथ देकर समां बांधा। कार्यक्रम के अंत में केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया। कल हेमंत उत्सव के समापन पर मुंबई की शास्त्रीय गायिका सोनल शिव कुमार द्वारा शास्त्रीय गायन पेश किया जायेगा।

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