- नेता साथ नहीं, पर जनता हमारे साथ है, इसलिए अब वोट की चोट की जाएगी
- शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज चण्डीगढ़ में गौ ध्वज को स्थापित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने पधारे
- श्री अयोध्या धाम से शुरू हुई गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा पहुंची चण्डीगढ़
चण्डीगढ़ : गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस समेत देश भर की सभी पार्टियों का रवैया कमोबेश एक जैसा ही है। इससे भी बढ़ कर उन्हें आरएसएस से भी निराशा मिली। ये कहना था पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज 1008 का। वे आज गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का नेतृत्व करते हुए चण्डीगढ़ के कैम्बवाला गांव स्थित श्री गोपाल गौलोक धाम, गौशाला में पधारे थे, जहां उन्होंने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। शंकराचार्य जी महाराज इस ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से भारत भूमि की ऊपर से सम्पूर्णतया गौहत्या का कलंक मिटाकर गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए प्रयासरत्त हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा को विगत दिनों तब एक बडी सफलता मिली जब पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के निर्देश पर महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ सम्भाजी शिन्दे जी ने देसी (रामा) गाय को राज्यमाता घोषित करके केबिनेट की प्रस्ताव की कापी शंकराचार्य जी के चरणों में सौंपी।
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक मोदी जी ने उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया। उनके मुताबिक मोदी जी ने कहला रखा है कि यदि कोई गौ माता के मुद्दे पर मिलने आए, तो समय नहीं देना है। शंकराचार्य ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री खुद गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं, परंतु वे भी इस मसले पर उदासीन हैं।
यहां तक कि हिंदूवादी संगठन के नाम से पहचान रखने वाले आर एस एस का रवैया तो और भी चौंकाने वाला था। उनके बड़े नेता मोहन वैद्य ने तो साफ कह दिया कि इस संगठन के लगभग 30 हज़ार स्वयंसेवक गौ मांस का सेवन करते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये रही कि उन्हें छत्तीसगढ़ से एक वीडियो प्राप्त हुआ, जिससे हजारों मुसलमानों ने गौ के मुद्दे पर एक बैठक करके उनका साथ देने की घोषणा की। उनके मुताबिक देश के अधिसंख्य लोगों से उन्हें समर्थन मिल रहा है, जोकि काफी उत्साहजनक बात है। शंकराचार्य ने आगे कहा कि ये बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि देश में अधिकांश बूचड़खाने हिंदुओं द्वारा संचालित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर देना चाहिए।
गौ-ध्वज की स्थापना की
पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा बीती 22 सितम्बर से श्री अयोध्या धाम से आरम्भ हुई जोकि आज चण्डीगढ़ में पहुंची। यहां गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज, जो पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शङ्कराचार्य जी के साथ इस यात्रा पर हैं, ने चण्डीगढ़ में उनके पधारने पर श्री गोपाल गौलोक धाम गौशाला, कैंबवाला में उनका स्वागत किया। पूज्य जगद्गुरू शङ्कराचार्य जी ने यहाँ सर्वप्रथम गौ ध्वज की स्थापना की व तत्पश्चात गौ महासभा को भी सम्बोधित किया ।
26 अक्तूबर तक चलने वाली ये यात्रा भारत के समस्त 36 प्रदेशों की राजधानियों तक जा रही है तथा वहाँ एक गौ ध्वज की स्थापना की जा रही है। यात्रा का समापन 26 अक्टूबर को दिल्ली में होगा।
उल्लेखनीय है कि संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्यामुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन चलाया जा रहा है। इस गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आन्दोलन हेतु समस्त राष्ट्र के गौभक्त हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोने का है तथा गोमाता की दुर्गति, गौ हत्या के कलङ्क को मिटाकर, पशु सूची के अपमान से हटाकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है। इस गो ध्वज स्थापना पद यात्रा का सूत्रवाक्य है- गौ माता, राष्ट्र माता राष्ट्र माता, भारत माता।
गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा के उपरान्त देश की राजधानी दिल्ली में गोपाष्टमी के अवसर पर 7, 8 और 9 नवम्बर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन होगा जो भारत की सरकार को गौहत्या के कलङ्क को मिटाकर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु निर्णायक होगा।