मोदी सरकार के नए भारत में राष्ट्रहित सर्वोपरि : देवशाली

  • हस्ताक्षर से इंकार कर राजनाथ ने दिया चीन-पाकिस्तान को करारा जवाब : देवशाली

चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा चीन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने को सही ठहराते हुए इसे चीन और पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब बताया।

देवशाली ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, यह सर्वविदित है कि शंघाई सहयोग संगठन का गठन की आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता के साथ लड़ने के लिए किया गया था। जब इस संगठन ने अपनी मूल भावना के विपरीत काम करते हुए संयुक्त घोषणापत्र में भारत में हुए आतंकवादी हमलों का उल्लेख नहीं किया तो भारत के लिए यह औचित्यहीन हो जाता है और इस पर हस्ताक्षर न करके रक्षामंत्री ने दृढ़ता के साथ आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने की भारत की इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है।

पाकिस्तान को लताड़ते हुए राजनाथ सिंह का बयान कि “जो लोग अपने संकीर्ण और स्वार्थी उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को प्रायोजित, पोषित और उपयोग करते हैं, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए” – भारत के रुख को स्पष्ट करता है।

देवशाली ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का नया भारत है जिसके नेता ‘राष्ट्र प्रथम’ की अवधारणा पर कार्य करते हुए अपनी बात को दृढ़ता एवं स्पष्टता के साथ रखते हैं और सभी निर्णय भारत और भारतीयों के हित में किये जाते हैं।

Please follow and like us:
Pin Share
YouTube
Pinterest
LinkedIn
Share