हरियाणा के गांव मिंगनी खेड़ा निवासी पर्वतारोही नरेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय अभियान ‘अयोध्या से शिखर’ धर्म ध्वज श्रद्धा यात्रा का शुभारंभ किया

भारत के पहले पर्वतारोही हैं जो राष्ट्रीय अभियान “अयोध्या से शिखर” धर्म ध्वज श्रद्धा यात्रा की शुरुआत की है

चंडीगढ़, 12 दिसंबर 2025: हरियाणा के हिसार जिले के गांव मिंगनी खेड़ा निवासी पर्वतारोही नरेंद्र कुमार ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक विशेष प्रेस वार्ता में “अयोध्या से शिखर” धर्म ध्वज श्रद्धा यात्रा नामक एक अद्वितीय आध्यात्मिक-राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है। पर्वतारोही नरेंद्र कुमार “अयोध्या से शिखर” धर्म ध्वज श्रद्धा यात्रा नामक इस राष्ट्रीय अभियान का शुभारम्भ करने वाले भारत के पहले पर्वतारोही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की आध्यात्मिक शक्ति, सांस्कृतिक पहचान और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों का संदेश विश्व के सर्वोच्च पर्वत शिखरों तक पहुंचाना है। अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 22 फीट लंबा धर्म दिवस फिर आया था उससे प्रेरित होकर उसकी प्रतिलिपि 21 दिसंबर से माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की यात्रा आरंभ कर रहे हैं और इस धर्म ध्वज की प्रतिलिपि माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में फहराएंगे, उसके बाद 2026 में हम दुनिया के सात महाद्वीप के शिखर पर जाकर धर्म ध्वज को फहराकर श्री राम के नाम का वर्णन करेंगे

“अयोध्या से शिखर” धर्म ध्वज श्रद्धा यात्रा नामक राष्ट्रीय अभियान जिसके अंतर्गत श्रीराम धर्म ध्वज की पवित्र प्रतिकृति को विश्व के सभी सर्वोच्च शिखरों पर प्रतिष्ठित करने जा रहे नरेंद्र कुमार, जो फिट इंडिया एंबेसडर और इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के संबद्ध सदस्य भी हैं, ने माउंट ल्होत्से, अन्नपूर्णा-1, मनासलु, किलिमंजारो और माउंट एल्ब्रस सहित कई अंतरराष्ट्रीय चोटियों का सफल आरोहण किया हुआ है। उन्होंने बताया कि यह अभियान भगवान श्रीराम मंदिर, अयोध्या के शिखर पर 22 फीट ऊँचे धर्म ध्वज के ऐतिहासिक ध्वजारोहण से प्रेरित है।

प्रेस वार्ता में यात्रा की विस्तृत रूपरेखा और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके मुख्य उद्देश्यों में श्रीराम के आदर्शों एवं मर्यादा का वैश्विक प्रसार, भारतीय संस्कृति एवं धर्म ध्वज की गौरवशाली परंपरा को विश्व शिखरों पर प्रतिष्ठित करना, फिट इंडिया, युवा शक्ति और राष्ट्रीय गौरव को पर्वतारोहण के माध्यम से प्रोत्साहित करना, तथा भारत की आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक पर्वतारोहण समुदाय में स्थायी पहचान दिलाना शामिल है।

यह ऐतिहासिक यात्रा 21 दिसंबर 2025 को अयोध्या धाम से शुरू होगी, जिसके बाद यह नेपाल होते हुए एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचेगी। श्री कुमार ने वर्ष 2026 में प्रस्तावित “सात महाद्वीप, सात शिखर वैश्विक धर्म ध्वज यात्रा” जो अफ्रीका की माउंट किलिमंजारो, ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसियस्ज़को, एशिया की माउंट एवरेस्ट, उत्तरी अमेरिका की डेनाली, यूरोप की माउंट एल्ब्रस, अंटार्कटिका में माउंट विंसन और दक्षिण अमेरिका की माउंट एकॉनकागुआ पर श्रीराम धर्म ध्वज की पवित्र प्रतिकृति को इन सभी विश्व के सर्वोच्च शिखरों पर प्रतिष्ठित किया जाएगा।

नरेंद्र कुमार ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि, “यह अभियान केवल पर्वतारोहण नहीं है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति, श्रीराम की मर्यादा और राष्ट्रीय गौरव को विश्व के सर्वोच्च शिखरों तक पहुँचाने का संकल्प है। मेरा उद्देश्य है कि भारत का धर्म ध्वज और श्रीराम का नाम दुनिया के सभी प्रमुख पर्वत शिखरों पर श्रद्धा, सम्मान एवं गर्व के साथ प्रतिष्ठित हो।”

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