चंडीगढ़ ( )श्रीराधा कृष्ण मंदिर सेक्टर 40 चंडीगढ़ में पितृपक्ष (श्राद्ध पश्र) के पावन अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा श्री उद्धव कौंदड जी, महाराज, भागवत व्यास सहारनपुर वाले के श्री मुख से 8 सितम्बर से 13 सितम्बर तक प्रतिदिन सांय 4 बजे से 6-30 बजे तक मंदिर परिसर मे होगी और 14 सितम्बर को कथा विराम प्रात 10 बजे से 12-30 बजे तक होगी
आज कथा के दूसरे दिन महाराज श्री ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण का प्रथम श्रवण राजा परीक्षित ने किया। भगवान वेदव्यास के पुत्र महर्षि शुकदेव जी महाराज इसके प्रथम कथावाचक बने।
राजा परीक्षित को महर्षि शमीक के पुत्र शृंगी ऋषि ने श्राप दिया था कि सातवें दिन उन्हें तक्षक नाग के दंश से मृत्यु होगी। मृत्यु समीप जानकर राजा ने अपना राज-पाट त्याग दिया और गंगा तट पर जाकर संत-महात्माओं के संग जीवन के अंतिम सात दिन व्यतीत करने का संकल्प लिया। उन्होंने जिज्ञासा प्रकट की कि अल्प जीवन में मनुष्य को क्या करना चाहिए और कौन-सा कार्य उसे मोक्ष दिला सकता है। तब महर्षि शुकदेव जी ने सात दिनों तक उन्हें श्रीमद्भागवत कथा सुनाई।
इस कथा का उद्देश्य मानव को मृत्यु के भय से मुक्त कराना, परमात्मा की भक्ति में स्थिर करना तथा जीवन के अंतिम लक्ष्य—भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति एवं मोक्ष—की ओर प्रेरित करना है।
महाराज श्री ने महाभारत का प्रंसग सुनाते हुए भीष्म पितामह एंव अर्जुन जैसे प्रभु भक्तो की कथा के साथ
बड़े ही सुन्दर भजन भी सुनाए जिन पर भक्तो ने खूब नृत्य किया। कार्यक्रम मे मंदिर कमेटी के समस्त मेंबर उपस्थित रहे कथा उपरांत आरती कर प्रसाद वितरित किया गया
श्रीमद्भागवत महापुराण का प्रथम श्रवण राजा परीक्षित ने किया
