- 1 मार्च से रमेश दलाल करेंगे आमरण अनशन सत्याग्रह
- हरियाणा सहित 12 राज्यों के जाटों को दिलाएंगे ओबीसी की सेंट्रल लिस्ट में आरक्षण:रमेश दलाल
- सम गोत्र शादी को गैर कानूनी घोषित करे सरकार: रमेश दलाल
बहादुरगढ़ : पहली बार दलित, बाल्मिक, ब्राह्मण, सैनी और सैन समाज ने की की थी सर्व जाति संसद की स्यूंक्त अध्यक्षता जिसमे जाट जाति को आरक्षण की मांग की गई थी। राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा की जाट जाति के साथ सभी सरकारों ने भेदभाव किया है। दिल्ली, हिमाचल, उताखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में सिर्फ राज्यो की नौकरियों में आरक्षण जाटों को मिला हुआ है। धौलपुर और भरतपुर जिलों को छोड़कर राजस्थान और गुजरात के जाटों को आरक्षण राज्यो और केंद्र दोनो जगह प्राप्त है। जबकि हरियाणा में जाटों को आरक्षण अपने राज्य में भी नही है। ये तथ्य सिद्ध करते हैं सरकारों ने जाटों का भी विभाजन कर दिया है। इसलिए सभी 12 राज्यो के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में आरक्षण दिया जाए। जाटों को आरक्षण के नाम पर विभाजित करना अनुचित है। राष्ट्रीय किसान नेता ने बताया की जाटों में 38 प्रतिशत यूवाओ की शादी नही हो रही क्योंकि न तो खेती के लिए जमीन बची और ना ही सरकारी नौकरी मिलती।
आमरण अनशन सत्याग्रह 1 मार्च 2024 से रमेश दलाल के एम पी मांडोठी आसौदा टोल प्लाजा बहादुरगढ़ में आरंभ करेंगे। लेकिन रमेश दलाल ने कहा कि उनका आमरण अनशन आंदोलन सभी 12 राज्यो के जाटों को आरक्षण केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करवाने के लिए है।
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने अहवान किया कि हमे जनता को असुविधा नही देनी और ना ही पुलिस फोर्स से टकराव करना है क्योंकि वो सभी जवान हमारे अपने परिवार से हैं। सिर्फ गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। इस प्रकार एक ठोस रणनीति तैयार कर ली गई हैं।
रमेश दलाल ने बताया कि जाट, त्यागी, रोड, बिश्नोई को अब अविलंब आरक्षण केंद्र की ओबीसी श्रेणी में आचार संहिता लगने से पहले प्रदान कर देना चाहिए।
राष्ट्रीय किसान नेता और जनता आवाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश दलाल ने आज फिर समाज की सभी जातियों के प्रबुद्ध लोगों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में सर्व जाति संसद में लिए गए सभी फैसलों को अपना समर्थन बढ़ाए।
रमेश दलाल ने कहा कि सम गोत्र विवाह को अवैध करवाने के साथ साथ जाट, बिश्नोई, त्यागी, रोड, मुले जाट और सिख जाट को आरक्षण दिलवाने के लिए वे आमरण अनशन आरंभ कर रहे हैं।
रमेश दलाल के अनुसार राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के जमीन अधिग्रहण के मुद्दे भी उनके प्रमुख एजेंडे में शामिल हे। उन्होंने कहा की 24 फरवरी की सर्व जाति संसद ऐतिहासिक हुई थी जो एक भाईचारे की मिशाल के रूप में भविष्य में जानी जाएगी इसमें लिए गए फैसले भी इतिहास के पन्नो में दर्ज होने का काम करेंगे। रमेश दलाल ने कहा कि यह आंदोलन गांधीवादी विचारधारा के अनुसार ही चलेगा और भाई चारे और सौहार्द का वातावरण तैयार करेगा।
सर्व जाति संसद नमे पास की गई सभी पांच मांगो को अपने आंदोलन के एजेंडे में शामिल किया है।