गौ माता को दुर्दशा से बचाने के लिए राष्ट्र माता घोषित करना बेहद जरूरी है : पूज्य संतोष जी महाराज साईं बाबा का विरोध करने को अनुचित ठहराया

आदि गंगा गोमती चालीसा की रचना करके गोमती के घाटों पर गोमती आरती शुरू करवाने का श्रेय है संतोष जी महाराज को

चण्डीगढ़ : गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करना ही चाहिए क्योंकि गौ माता में हिन्दुओं के सभी इष्टदेव व देवियां वास करती हैं। ये बात आज कथावाचक प्रेममूर्ति पूज्य संतोष जी महाराज ने एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कही। पूज्य संतोष जी महाराज श्री साई धाम, सेक्टर 29 में श्री रामनवमी उत्सव में पहली बार आयोजित की गई संगीतमयी राम कथा में कथाव्यास के तौर पर श्री अयोध्या धाम से यहाँ पधारे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दू जन गाय के द्वारा प्रदत्त अमृत तुल्य दूध, गोमूत्र व गोबर आदि का खूब सेवन करते हैं व इनसे बने अन्य उत्पादों का व्यावसायिक लाभ भी पाते हैं, परन्तु बूढ़ी होने पर उन्हें आवारा भटकने के लिए छोड़ देते हैं जोकि बेहद अनुचित है। गाय को राष्ट्र माता घोषित करने पर सरकार को गाय के प्रति कुछ कायदे-क़ानून भी तय करने पड़ेंगे तथा आम नागरिकों को उन्हें पालन करना होगा, जिससे गाय माता सम्मान बहाल हो सकेगा।
संतोष जी महाराज ने साईं बाबा का विरोध करने वालों को भी सावधान करते हुए कहा कि साईं बाबा ने अपने जीवन काल में अनेकों लोगों का कल्याण किया व उन्हें सही मार्ग पर चलना सिखाया। उन्होंने कहा कि बिना किसी के बारे में पूरी तरह से जाने बगैर सिर्फ सुनी-सुनाई बातों के आधार पर विरोध करना बेहद गलत बात है।
उन्होंने यहाँ मंदिर में सुबह से लेकर देर रात तक रोजाना बिना नागा लंगर आदि की व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे असंख्य लोगों की भूख मिट पाती है।
संतोष जी महाराज, जो अयोध्या चालीसा, आदि गंगा गोमती चालीसा, गोमती आरती, अवधपुरी महिमा, जनवाड़ी नाथ चालीसा एवं पारिजात वृक्ष आरती आदि रचनाओं के रचियता हैं एवं मानस मराल अवार्ड से सम्मानित हैं, के प्रयासों से गंगा आरती की भांति गोमती आरती का चलन शुरू हुआ है। उन्होंने इस बारे में बताया कि गंगा तो भूलोक पर अवतरित हुई थीं, परन्तु इससे पहले धरा पर आई सबसे पहली नदी गोमती नदी ही थी जो पाताल लोक से निकली। पहले तो संतोष जी महाराज ने आदि गंगा गोमती चालीसा की रचना की व उसके बाद जिस जिस बड़े शहर के पास से ये नदी गुजरती है, वहां गोमती आरती शुरू करवाई।

पहली बार मनाया गोपाल काला दही हांडी उत्सव

इससे पहले श्री साई धाम, सेक्टर 29 में श्री रामनवमी उत्सव में पहली बार संगीतमयी राम कथा के आयोजन करने के बाद आज गोपाल काला दही हांडी उत्सव का आयोजन किया गया। मंत्रोचारण व बाबा की स्तुति उपरान्त मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों असित मनचंदा, मुनीश गोयल, बिमल राय व मनोज गोयल आदि ने दही हांडी को फोड़ा व बाद में पोहा दही का प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया।
पदाधिकारियों ने बताया कि साई जी के परम धाम शिरडी में रामनवमी के अगले दिन गोपाल काला दही हांडी उत्सव मनाने की पुरानी परम्परा है। इसी का अनुसरण करते हुए यहाँ भी ये उत्सव मनाया गया और आगे से हर साल मनाया जाएगा।

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