गुरू साहिबानों ने हिन्दुस्तान को संकट के समय बहुत कुछ दिया, अब समय है लौटाने का : पीठाधीश्वर श्री आनंदम् धाम, वृंदावन, परम पूज्य सद्गुरु स्वामी रितेश्वर जी महाराज

“मैं तो मात्र त्रेतायुग की एक गिलहरी के समान मदद करने के बृहद अभियान में योगदान करने आया हूं”

युवाओं को चरित्र की शुद्धता एवं राष्ट्र निर्माण में सनातन परंपराओं, संस्कारों एवं पुरातन ग्रंथों का भी अध्ययन एवं पालन करने का संदेश दिया पीठाधीश्वर ने

चण्डीगढ़ : पंजाब दस गुरु साहिबानों का कर्मक्षेत्र रहा है व पूरा भारतवर्ष हिंदुओं की रक्षा के लिए उनके द्वारा दिए गए बलिदानों के लिए कृतज्ञ है। आज पंजाब बेहद मुसीबत में है। यहां के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पीड़ितों के त्रासदी बेहद ही भयावह है एवं उनकी पीड़ा अवर्णनीय है। इसलिए आज वक्त है कि सारा देश पंजाब के लिए एकजुट होकर सहायता के लिए आगे आए। ये कहना था पीठाधीश्वर श्री आनंदम् धाम, वृंदावन, परम पूज्य सद्गुरु स्वामी रितेश्वर जी महाराज का। स्वामी जी पंजाब के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रसद पहुंचाने व बाढ़ पीड़ितों का कुशलक्षेम जानने के पश्चात आज चण्डीगढ़ पधारे थे। इस अवसर पर उन्होंने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आनंदम् धाम पंजाब के साथ, एक साथ का संदेश लेकर वे ज़रूरतमंदों को राहत और सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य के साथ यहां आए हैं। उन्होंने अपने योगदान को बेहद मामूली करार देते हुए उस गिलहरी से तुलना की जिसने त्रेतायुग में रामसेतु के निर्माण के वृहद कार्य के दौरान इसमें अपना तुच्छ योगदान दिया था। इस दौरान स्वामी जी ने चेतन भारत लर्निंग इंस्टीट्यूट, सेक्टर 43 के प्रतियोगी परीक्षाओं के शिक्षणार्थियों के साथ एक विशेष संगोष्ठी में संवाद भी किया व उन्हें चरित्र की शुद्धता एवं राष्ट्र निर्माण में सनातन परंपराओं, संस्कारों एवं पुरातन ग्रंथों का भी अध्ययन एवं पालन करने का संदेश दिया। स्वामी जी ने युवाओं को करुणामय रुख अपनाते हुए सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर प्रेरित किया।

इस अवसर पर पर दिल्ली के विधायकगण शिखा राय व प्रेम, दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता भाजपा पूनम गुप्ता व अरुण यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ आनंदम ट्रस्ट, वृन्दावन आदि भी मौजूद रहे।

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