फोर्टिस मोहाली में ‘कोलोरेक्टल कैंसर’ पर संगोष्ठी का आयोजन; बीमारी से मुकाबले के लिए नियमित जांच पर दिया गया ज़ोर

 

चंडीगढ़, 4 अप्रैल 2025: कोलोरेक्टल कैंसर, जो कि सबसे अधिक रोके जा सकने वाले कैंसरों में से एक है, के बावजूद हर साल अनगिनत जानें लेता है। इसकी शुरुआती पहचान के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट, मोहाली ने कोलोरेक्टल कैंसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें देशभर से प्रमुख विशेषज्ञ और चिकित्सक शामिल हुए।

इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त अतिथि वक्ताओं ने प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें उन्होंने कोलोरेक्टल कैंसर देखभाल के भविष्य को आकार देने वाली नवीन तकनीकों और चिकित्सीय दृष्टिकोणों पर अपने विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि साझा की।

इस अवसर पर डॉ. राजीव बेदी, डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, ने कहा कि भारत में कोलोरेक्टल कैंसर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है, और पिछले कुछ दशकों में इसकी घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार, यह कैंसर पुरुषों में लगभग 10 प्रतिशत और महिलाओं में लगभग 9 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है, जिससे यह देश में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी के प्रमुख जोखिम कारकों में निष्क्रिय जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान, मोटापे की बढ़ती दर और आनुवंशिक प्रवृत्ति शामिल हैं। इसे रोकने के लिए संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों, को बढ़ावा देना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना और प्रोसेस्ड फूड व रेड मीट के सेवन को सीमित करना आवश्यक है।

इसके अलावा, 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों या जिनके परिवार में कोलोरेक्टल कैंसर का इतिहास है, उनके लिए प्रारंभिक स्क्रीनिंग और समय पर कोलोनोस्कोपी अत्यंत आवश्यक है। इससे कैंसर का शीघ्र पता लगाकर उपचार के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। डॉ. बेदी ने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से इन निवारक उपायों पर जोर देने से भारत में कोलोरेक्टल कैंसर के बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है।

इस संगोष्ठी में देशभर से 130 से अधिक प्रतिनिधियों, कोलोरेक्टल कैंसर सर्जनों और ऑन्कोलॉजिस्ट ने भाग लिया। कार्यक्रम में कोलोरेक्टल कैंसर के प्रबंधन में नवीनतम उपचार पद्धतियों और प्रगति पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर डॉ. नरेंद्र भल्ला, डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग; डॉ. केतन डंग, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी; डॉ. आर.पी. डोले, डायरेक्टर, जनरल, लैप्रोस्कोपिक एवं रोबोटिक सर्जरी; डॉ. राजीव कपूर, एडिशनल डायरेक्टर, जनरल, लैप्रोस्कोपिक एवं रोबोटिक सर्जरी और डॉ. मनीषी बंसल, सीनियर कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी उपस्थित थे।

फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट कैंसर देखभाल को उन्नत बनाने के लिए निरंतर शिक्षा और पेशेवर विकास के प्रति समर्पित है। इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों की भागीदारी ने कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और जागरूकता के महत्व को और अधिक सुदृढ़ किया।

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