देव समाज में अंधविश्वास और पुरानी कुरीतियों के लिए कोई स्थान नहीं: डॉ. अगनीज़ ढिल्लों, सचिव, देव समाज
महोत्सव के दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में 100 युनिट रक्त एकत्रित
चंडीगढ़, 8 दिसंबर 2025: देव समाज के संस्थापक भगवान देव आत्मा की 175 वीं जयंती के उपलक्ष्य में देव समाज मुख्यालय, सेक्टर 36-बी, चंडीगढ़ में आयोजित चार दिवसीय समारोह संपन्न हो गया।
‘महोत्सव’ के दौरान आयोजित ‘महासभा’ को देव समाज की सचिव डॉ. अगनीज़ ढिल्लों ने संबोधित किया। विषय था— ‘आध्यात्मिक विकास की नई दिशाएं और भगवान देव आत्मा’। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि भगवान देव आत्मा ने विज्ञान-आधारित ‘आध्यात्मिक विचार-प्रणाली’ देव समाज की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि देव समाज की शिक्षाओं में अंधविश्वासों और पुरानी कुरीतियों के लिए कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि भगवान देव आत्मा ने मानवता को अनेक सामाजिक बुराइयों का परित्याग कर श्रेष्ठ और निस्वार्थ जीवन अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यदि हम भगवान देव आत्मा की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए इस विश्व को बेहतर बनाया जा सकता है।”
भगवान देव आत्मा की जयंती के उपलक्ष्य में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के सहयोग से एक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय, आईपीएस, एडीजीपी, पंजाब पुलिस द्वारा किया गया। उनके साथ प्रो. विपिन कौशल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, डॉ. सुचेता सचदेवा, अतिरिक्त प्रोफेसर, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, तथा जसपाल भुल्लर, इंचार्ज, जिला क्राइम सेल, चंडीगढ़ पुलिस (विशिष्ट अतिथि) उपस्थित थे।
शिविर में देव समाज के शैक्षिक संस्थानों के कर्मचारी व स्वयंसेवक, देव समाज के श्रद्धालु, सुख फाउंडेशन के सदस्य और अनेक अन्य लोगों ने भाग लिया। कुल 100 युनिट रक्त एकत्रित हुआ।
महोत्सव के दौरान प्रतिदिन सामाजिक आचार-विचार और नैतिक संस्कृति पर प्रवचन आयोजित किए गए। इसके अलावा ‘भजन गायन’, ‘संगीत संध्या’, क्विज़ प्रतियोगिता और विद्यार्थियों द्वारा नाट्य प्रस्तुति जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित हुईं। देव समाज मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली ने ‘कर्वट’ नामक एक उत्कृष्ट नाटक प्रस्तुत किया, जो भगवान देव आत्मा की शिक्षाओं से मानव जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तनों पर आधारित था।
‘मानवता के लिए देव धर्म का महत्व’ विषय पर श्रीमान जगदीश चंद भारद्वाज का प्रवचन भी हुआ। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मानव कल्याण के लिए देव धर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भौतिक इच्छाओं की दौड़ से दूर रहना चाहिए और किसी भी जीव को दुख या कष्ट पहुँचाने से बचना चाहिए। उन्होंने देव समाज के पूर्व सचिव, स्वर्गीय श्रीमान निर्मल सिंह ढिल्लों की उपलब्धियों और उनके निस्वार्थ सेवा कार्य का विशेष उल्लेख किया।
‘हर मनुष्य को क्यों चाहिए एक दिव्य आत्मा – भगवान देव आत्मा’ विषय पर डॉ. रमेश चंद गर्ग द्वारा सभा भी आयोजित की गई। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि अपनी दिव्य यात्रा के निरंतर संघर्षों के बावजूद भगवान देव आत्मा ने सदैव लोगों को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
देव समाज के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, श्रीमान मानविंदर सिंह मांगट ने देव समाज की प्रगति और विकास पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की।
महोत्सव का समापन भजनों, प्रार्थनाओं और भगवान देव आत्मा द्वारा बताए गए सिद्धांतों एवं आदर्शों का पालन करने के संकल्प के साथ किया गया।
