कांग्रेस ने तोड़फोड़ को तुरंत रोकने और धार्मिक स्थलों को नियमित करने की समग्र नीति बनाने की मांग की
चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम द्वारा शहर में 21 धार्मिक ढाँचों को तोड़ने के मनमाने निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है। कांग्रेस नेताओं ने इस कदम को असंवेदनशील और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है तथा प्रशासन से इन तोड़फोड़ की कार्यवाही को तुरंत रोकने और धार्मिक स्थलों को सम्मानपूर्वक एवं वैध रूप से नियमित करने के लिए एक समग्र नीति बनाने की मांग की है।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने इस मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व की चुप्पी पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “भाजपा जो हमेशा धर्म के नाम पर वोट मांगती रही है और खुद को धार्मिक भावनाओं की रक्षक बताती रही है, अब जब धार्मिक स्थलों को उसी की सरकार में तोड़ा जा रहा है तो वह पूरी तरह चुप है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह दोहरापन न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि भाजपा का अवसरवादी चेहरा भी उजागर करता है। श्रद्धालुओं की भावनाओं और धार्मिक स्थलों की पवित्रता का सम्मान किया जाना चाहिए। मंदिरों, गुरुद्वारों या किसी भी पूजा स्थल को बिना जनसुनवाई या वैकल्पिक योजना के तोड़ना चंडीगढ़ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संरचना पर सीधा हमला है।”
कांग्रेस पार्टी ने चंडीगढ़ प्रशासन से अपील की है कि वह प्रस्तावित तोड़फोड़ की कार्रवाई को तुरंत रोके और धार्मिक संगठनों, स्थानीय समुदायों तथा जनप्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक संवाद शुरू करे। पार्टी ने लंबे समय से समाज की सेवा कर रहे धार्मिक ढाँचों को नियमित करने के लिए एक संतुलित और समावेशी नीति बनाने की मांग की है।
लक्की ने कहा, “चंडीगढ़ जैसा शहर जो सौहार्द, विविधता और सांस्कृतिक एकता के लिए जाना जाता है, वहाँ ऐसी बुलडोजर राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है। हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वह संवेदनशीलता और दूरदर्शिता के साथ कार्य करे, न कि ऐसे तानाशाही रवैये से जो जनता में असंतोष और धार्मिक तनाव पैदा कर सकता है।”
कांग्रेस पार्टी चंडीगढ़ की जनता के साथ खड़ी है और शहर की धर्मनिरपेक्ष और समावेशी भावना को बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराती है। पार्टी किसी भी ऐसे एकतरफा कदम का विरोध करती रहेगी जो लोगों की आस्था और भावनाओं को आहत करता है।
