गवर्नेंस माडल के सुधारों पर भाजपा चण्डीगढ की जनता को गुमराह कर रही है।
चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक सवाल पूछा था कि क्या केंद्र चण्डीगढ़ में किसी ऐसे गवर्नेंस मॉडल पर विचार कर रही है, जहां मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को लोग सीधे पांच साल के कार्यकाल के लिए चुनते हैं। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या चंडीगढ़ प्रशासन की मुख्य डयूटीज़ और जिम्मेवारियों को मेयर इन काउंसिल को सौंपने का कोई प्रस्ताव है।
इस पर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि मेयर के कार्यकाल में बदलाव करने, इस पद के लिए सीधे चुनाव शुरू करने या चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम के बीच कामों के बंटवारे में बदलाव करने का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है। जवाब से पता चलता है कि केंद्र सरकार फिलहाल ऐसे किसी बदलाव पर सक्रिय रूप से काम नहीं कर रही है।
यहां यह स्पष्ट करना ज़रूरी है कि केंद्र सरकार के इस रुख का चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी द्वारा लोकसभा में पेश किए गए प्राइवेट मेंबर बिल के प्रावधानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसे चण्डीगढ के प्रशासनिक ढांचे में व्यापक सुधार लाने के लिए सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में पेश किया है। एक बार जब बिल दोनों सदनों से पारित होकर कानून बन जाएगा, तो चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य काम और जिम्मेवारियां मेयर इन काउंसिल को सौंप दी जाएंगी, जिससे चंडीगढ़ के लोगों के सामने कई वर्षों से मुह बाए खड़ी जटिल समस्याओं का समाधान सम्भव हो सकेगा। इसके अलावा, मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को लोग पांच साल के कार्यकाल के लिए सीधे चुनेंगे।
उस संदर्भ में चण्डीगढ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने स्थानीय भाजपा पर चंडीगढ़ के नागरिकों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसा सांसद मनीष तिवारी के चण्डीगढ के प्रशासनिक में ढांचागत सुधार लाने के प्रयासों में पलीता लगाने के लिए कर रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वह इस बाबत बीजेपी के गलत बयानों और झूठे प्रचार से सावधान रहें।
