- प्रशासन के मनमाने प्रतिबंध की निंदा; आर्थिक संकट से जूझ रहे नागरिकों को राहत देने की अपील
चंडीगढ़ | [तारीख डालें]
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज चंडीगढ़ में रिहायशी संपत्तियों की शेयर-वाइज रजिस्ट्री को तुरंत बहाल करने की मांग दोहराई। यह मांग उस हालिया जवाब के बाद आई है जो केंद्रीय मंत्री ने चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दिया, जिसमें एक बार फिर स्पष्ट किया गया है कि चंडीगढ़ विरासत शहर (हेरिटेज सिटी) की परिधि में नहीं आता और केवल कुछ चुनिंदा इमारतों को ही विरासत का दर्जा प्राप्त है।
इस मुद्दे पर बोलते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने यूटी प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया और चंडीगढ़ प्रशासन से अपील की कि वे तुरंत समीक्षा कर शेयर-वाइज रजिस्ट्री पर लगे मनमाने प्रतिबंध को वापस लें।
श्री लक्की ने आम नागरिकों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “कई लोग, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई संपत्ति में लगाई थी, इस गलत फैसले के कारण फंस गए हैं। एक समय पर बैंक इन लेन-देन को फंड करते थे, लेकिन प्रशासन के प्रतिबंध के बाद यह रास्ता भी बंद हो गया है। लोग अपनी हिस्सेदारी बेचने या संपत्ति के बदले ऋण लेने में असमर्थ हैं। जो लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, बच्चों की शिक्षा के लिए फंड जुटा रहे हैं या शादियों की तैयारी कर रहे हैं, वे आर्थिक संकट में धकेले जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ को सिर्फ चंद अमीरों का शहर नहीं बनाया जा सकता, जबकि आम निवासी परेशानियों में जीने को मजबूर हों। कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे पर बीजेपी की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ दल लोगों की तकलीफ सिर्फ देखता रहेगा, उनके अधिकारों के लिए खड़ा नहीं होगा। यह शासन नहीं, बल्कि जनहित की पूरी तरह अनदेखी है।”
लक्की ने सुझाव दिया कि पहले चरण में कम से कम सेक्टर 30 से ऊपर के क्षेत्रों में शेयर-वाइज रजिस्ट्री की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे तुरंत हजारों लोगों को राहत मिल सके।
चंडीगढ़ कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि वह इस मांग को तब तक उठाती रहेगी जब तक प्रशासन अपना फैसला वापस लेकर लोगों को बिना किसी अनावश्यक बाधा के संपत्ति शेयर रजिस्ट्री का अधिकार बहाल नहीं करता।
