नगर निगम चंडीगढ़ के पार्षदों के “शानदार निर्णयों” पर उठे सवाल – नर्सरी साइट नंबर 2, हल्लो माजरा का मामला

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सीए प्रेम गर्ग ने नगर निगम चंडीगढ़ (MCC) के हालिया निर्णयों पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह समझ से परे है कि हमारे पार्षदों को ऐसे “शानदार विचार” आखिर कौन देता है।

हल्लो माजरा स्थित नर्सरी साइट नंबर 2 पर एक नर्सरी पिछले कई वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित हो रही है, जो निगम को प्रतिमाह ₹1.33 लाख (GST सहित) किराया अदा कर रही है। अब इसका अनुबंध समाप्त हो चुका है। सामान्य बुद्धि और प्रशासनिक तर्क के अनुसार, जब तक नई नीलामी पूरी नहीं होती और कोई नया व्यक्ति (वर्तमान किरायेदार के अतिरिक्त) सफल बोलीदाता नहीं बनता, तब तक मौजूदा किरायेदार को वहीं बने रहने और 5% वार्षिक वृद्धि के साथ किराया अदा करते रहने की अनुमति दी जानी चाहिए थी, ताकि नगर निगम की आय निर्बाध जारी रहे।

लेकिन, हमारे “ज्ञानी” पार्षदों ने यह एजेंडा पारित किया कि पहले मौजूदा किरायेदार को साइट खाली करनी होगी और उसके बाद ही नीलामी की जाएगी। गर्ग ने पूछा — “आखिर ऐसी अव्यवहारिक और तर्कहीन सोच का क्या औचित्य है?”

उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर, पार्षदों और नगर निगम ने नर्सरी साइट नंबर 3, 4 और 5, जो कई वर्षों से खाली पड़ी हैं, की नीलामी करने की कभी परवाह नहीं की। इन साइटों से भी नगर निगम को हर वर्ष लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हो सकता था, परंतु इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

गर्ग ने यह भी बताया कि “नर्सरी साइट नंबर 1” का किरायेदार पिछले कई महीनों से किराया नहीं दे रहा है और नगर निगम केवल नोटिस जारी करने तक सीमित है, जबकि बकाया किराया करोड़ों रुपये तक पहुँच चुका है।

गर्ग ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा —
“कहानी का नैतिक सार यह है कि नर्सरी साइट नंबर 1 ‘दान ’ देती है और नर्सरी साइट नंबर 2 को यह नहीं पता कि ‘दान ’ देना किसको है।”

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