चंडीगढ़ – भाजपा चंडीगढ़ के स्टेट महामंत्री संजीव राणा ने आज एक कड़ा बयान जारी करते हुए चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी की शहर के विकास और सुशासन में भूमिका व योगदान पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद द्वारा चंडीगढ़ से जुड़े अहम मुद्दों, विशेष रूप से नगर निगम (एमसी) के चल रहे वित्तीय संकट, पर कोई ठोस प्रयास, सक्रियता या जनसंपर्क देखने को नहीं मिला है।
संजीव राणा ने कहा, “चंडीगढ़ के निर्वाचित सांसद के रूप में अपेक्षा की जाती है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर हमारे शहर की जरूरतों के लिए सक्रिय आवाज़ बनें। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक मनीष तिवारी का चंडीगढ़ के विकास में योगदान शून्य रहा है। उन्होंने शहर के विकास के लिए एक भी परियोजना शुरू नहीं की है, न ही नगर निगम और प्रशासन के बीच समन्वय के लिए कोई पहल की है।”
उन्होंने आगे कहा कि मनीष तिवारी की स्थानीय प्रशासन में भागीदारी भी नगण्य है। “यह सार्वजनिक रिकॉर्ड है कि मनीष तिवारी की नगर निगम की बैठकों में उपस्थिति 0% रही है। उन्होंने एमसी के वित्तीय संकट को भारत सरकार के उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की दिशा में भी कोई पहल नहीं की, जो कि एक निर्वाचित सांसद के लिए अत्यंत निराशाजनक है।”
संजीव राणा ने सांसद की जनता के प्रति उपलब्धता पर भी गंभीर चिंता जताई। “मनीष तिवारी जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहते और केवल सप्ताहांत में ही चंडीगढ़ में दिखाई देते हैं। वे ‘वीकेंड सांसद’ बन गए हैं जो शहर में आते हैं, तस्वीरें खिंचवाते हैं और फिर चले जाते हैं। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे चंडीगढ़ में अधिक समय बिताएं ताकि वे जमीनी हकीकत को समझ सकें। सांसद की भूमिका सिर्फ दूर से आलोचना करने की नहीं, बल्कि समस्याओं को हल करने की होती है।”
उन्होंने कहा कि जबकि मनीष तिवारी रेलवे स्टेशन के समयबद्ध कार्य और स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग जैसे शहर के प्रोजेक्ट्स की आलोचना करते हैं, उनकी आलोचना के पीछे कोई रचनात्मक कदम दिखाई नहीं देता।
संजीव राणा ने नगर निगम की वित्तीय स्थिति के मूल कारण पर भी प्रकाश डाला। “मैं सांसद को याद दिलाना चाहता हूं कि वर्तमान वित्तीय संकट पिछले वर्ष कांग्रेस-आप गठबंधन के महापौर की बदइंतजामी का सीधा परिणाम है। यह आश्चर्यजनक है कि अब मनीष तिवारी उन्हीं लोगों के गठबंधन सहयोगी हैं, जिन्होंने यह आर्थिक अस्थिरता पैदा की।”
स्टेट महामंत्री ने सांसद से उनकी राजनीतिक स्थिति स्पष्ट करने और संसद में चंडीगढ़ की वित्तीय स्थिति पर उनके प्रयासों का हिसाब देने की मांग की। “मनीष तिवारी को साफ करना चाहिए कि क्या उनका आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन अब भी जारी है? और सबसे अहम, उन्होंने सांसद के रूप में कितनी बार नगर निगम के गंभीर वित्तीय संकट को गृह मंत्रालय या यूटी प्रशासक के सामने रखा है? चंडीगढ़ की जनता को यह जानने का अधिकार है।”
अंत में संजीव राणा ने कहा कि भाजपा चंडीगढ़ के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे राजनीतिक दिखावे से आगे बढ़कर शहर के हित में मिलजुलकर कार्य करें।
