एशिया कप के भारत-पाकिस्तान मैच रद्द किए जाएं – कांग्रेस

आतंक और खेल एक साथ नहीं चल सकते – कांग्रेस

प्रैस नोट
27.07.2025

चंडीगढ़ कांग्रेस ने भाजपा की केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह सितंबर में होने वाले क्रिकेट एशिया कप के दौरान प्रस्तावित भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों को मंज़ूरी न दे, क्योंकि आतंकवाद और खेल एक साथ नहीं चल सकते।

मीडिया में इस आशय की आ रही खबरों, कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों को किसी तटस्थ स्थान पर आयोजित करने पर सहमत हो गया है, पर चिन्ता व्यक्त करते हुए चण्डीगढ़ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ के लोग पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ किए गए इस ताजे समझौते से बेहद नाराज़ एवं व्यथित हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जहां एक ओर सरकार ने पाकिस्तानी आतंक के खिलाफ शुरू किए ऑपरेशन सिंदूर को अभी तक बंद नहीं किया है, वहीं दूसरी ओर दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों ने एक-दूसरे के साथ खेल संबंधों को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस बात पर दुख व्यक्त करते हुए कि जब पहलगाम का एक भी कातिल अभी तक पकड़ा नहीं गया है, कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि ऐसे हालात में भारत सरकार और क्रिकेट बोर्ड सिर्फ़ कुछ धन कमाने के लिए पाकिस्तान के साथ मैच कैसे करवा सकते हैं। यह बताते हुए कि दोनों देशों के बीच मैच के दौरान, भारतीय प्रायोजकों द्वारा निवेश की गई एक बड़ी राशि दिवालिया हो चुके पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के खजाने में भी जाएगी, कांग्रेस प्रवक्ता ने अंदेशा ज़ाहिर किया कि पाकिस्तान इस धनराशि इस्तेमाल भारत में नए आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए भी कर सकता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बीसीसीआई को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे पाकिस्तान की हमारे देश पर हमला करने की क्षमता बढ़े।

कांग्रेस प्रवक्ता ने पाकिस्तान को खुश करने के लिए तटस्थ स्थल पर मैच आयोजित करने के औचित्य पर भी सवाल उठाया, जबकि भारत को सभी मैचों की मेजबानी का अधिकार है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड का पाकिस्तान के साथ मैच आयोजित करने का फैसला चंडीगढ़ और भारत के लोगों का अपमान है। उन्होंने स्थानीय सांसद से इस मुद्दे को संसद में उठाने का आग्रह किया।

इस बीच चण्डीगढ़ कांग्रेस ने राष्ट्रीय हित के इस महत्वपूर्ण मामले पर चुप्पी साधने के लिए यूटी क्रिकेट ऐसोसिएशन चण्डीगढ़ के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की निंदा की और कहा कि उनकी चुप्पी यह दर्शाती है कि उन्हें राष्ट्रीय गरिमा और स्वाभिमान से समझौता करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।

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