पंजाब सरकार ने पेरीफेरी फार्महाउसों के लिए CLU नोटिफाई किया; चंडीगढ़ के गांवों ने प्रशासन की चुप्पी पर उठाए सवाल – सतिंदर सिंह सिद्धू चेयरमैन चंडीगढ़ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक व नॉमिनेटेड काउंसिलर

चंडीगढ़: सतिंदर सिंह सिद्धू चेयरमैन चंडीगढ़ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक व नॉमिनेटेड काउंसिलर ने उठाये सवाल ; कहा पंजाब सरकार ने आज फॉरेस्ट एक्ट के तहत परिधि (पेरिफरी) में स्थित फार्महाउसों के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज़ (CLU) को नोटिफाई कर दिया है। इस घोषणा के बाद चंडीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में नाराज़गी भड़क उठी है। मेरे ग्रामीण साथियों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने अभी तक अपने मूल निवासियों के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जहाँ पंजाब सरकार ने CLU को लेकर पहल कर दी है, वहीं चंडीगढ़ प्रशासन ने न तो लैंड यूज़ पॉलिसी बनाई है और न ही लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू करने की दिशा में कोई काम किया है—जबकि ये नीतियाँ केंद्र शासित प्रदेश के गांवों के किसानों के लिए बेहद ज़रूरी हैं।

स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाया कि क्या पेरिफरी एक्ट सिर्फ़ चंडीगढ़वासियों के लिए है? और क्या यह पंजाब या हरियाणा के निवासियों पर लागू नहीं होता? ग्रामीणों के अनुसार यह नीति असंतुलन का स्पष्ट उदाहरण है।

अब जबकि सभी गांव नगर निगम चंडीगढ़ के अधीन आ चुके हैं, गांववासी सवाल कर रहे हैं—
आखिर चंडीगढ़ के गांवों के लिए CLU और लैंड पूलिंग पॉलिसी अभी तक क्यों नहीं लाई गई? बार-बार निवेदन करने के बावजूद प्रशासन चुप क्यों है?

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि चंडीगढ़ प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ़ टैक्स वसूली करना है, न कि गांवों को कोई वास्तविक लाभ देना। उनका कहना है कि नगर निगम अब केवल एक “टैक्स कलेक्शन सेंटर” बनकर रह गया है, जहाँ से शहर की बुनियाद रखने वाले ग्रामीणों के लिए कोई ठोस नीति या सुधार नहीं निकलते।

नारेबाज़ी करते हुए और सामूहिक कार्रवाई की अपील करते हुए ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधियों को जगाने की मांग की।
“जागो गांववालो! जागो प्रतिनिधियों!”—यह कहते हुए ग्रामीणों ने चंडीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तत्काल CLU और लैंड पूलिंग नीति लागू करने की माँग दोहराई।

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