दिनांक: 23 अगस्त 2025
जारीकर्ता:
अधिवक्ता स्टीफन प्रकाश मसीह
अधिवक्ता – पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़
मैं सांसद श्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा हाल ही में की गई उस टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूँ जिसमें उन्होंने ईसाई समुदाय की तुलना माओवादियों से करने का प्रयास किया था। इस तरह के गैर-ज़िम्मेदाराना बयान बेहद आहत करने वाले, भ्रामक हैं और समाज में अनावश्यक घृणा और भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से हैं।
ईसाई समुदाय ने हमेशा राष्ट्र की एकता, शांति और कल्याण के लिए काम किया है। स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और धर्मार्थ संस्थानों के माध्यम से, समुदाय ने बिना किसी भेदभाव के समाज के गरीब, हाशिए पर पड़े और वंचित वर्गों की निरंतर सेवा की है। ऐसे समुदाय को अतिवादी विचारधारा से जोड़ना निराधार और अत्यंत निंदनीय है।
इस तरह के बयान न केवल धार्मिक भावनाओं पर हमला हैं, बल्कि लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का भी उल्लंघन करते हैं। ये नफरत फैलाते हैं, सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं और भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की नींव को कमजोर करते हैं।
मैं पंजाब सरकार और भारत सरकार से श्री रवनीत सिंह बिट्टू जल्द से जल्द सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी जानी चाहिए और भविष्य में इस तरह के अपमानजनक बयानों को रोकने के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अधिवक्ता स्टीफन प्रकाश मसीह
अधिवक्ता, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय
चंडीगढ़
