गौसेवा की महिमा को उजागर करते हुए राजा दिलीप की पावन कथा सुनाई।

चंडीगढ़ ( ) श्री गोपाल गोलोक धाम रामेश्वरी भक्ति आश्रम ट्रस्ट शाखा कैंबवाला चण्डीगढ़ के द्वारा एवं गौ-गंगा कृपाकांक्षी पूज्य श्री गोपाल मणि’ जी के आशीर्वाद से पित्र पक्ष (श्रादपक्ष) के पावन शुभ अवसर पर अमृतमयी धेनुमानस गौकथा दिनाँक 3 सितम्बर से 9 सितम्बर 2025 तक समय
दोपहर 2 बजे से सांय 6 बजे त
श्रद्धेप आचार्य सीताशरण जी के श्री मुख से श्री गोपाल गोलोक धाम कैंबवाला, चंडीगढ़ (यू.टी.) मे हो रही है आज इस कथा
पवित्र धेनुमानस गौकथा के दूसरे दिन, श्रद्धेय आचार्य श्री सीताशरण जी महाराज ने गौसेवा की महिमा को उजागर करते हुए राजा दिलीप की पावन कथा सुनाई।
राजा दिलीप की कथा
आचार्य श्री ने बताया कि किस प्रकार सूर्यवंशी राजा दिलीप ने संतान प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ जी की आज्ञा से गौमाता नंदिनी की सेवा का व्रत लिया।
वे प्रतिदिन प्रेमपूर्वक गौमाता की सेवा करते, उनकी रक्षा करते और सच्चे मन से उनकी आराधना करते।
एक दिन गौमाता को बचाने हेतु राजा दिलीप ने अपने प्राण तक अर्पित करने का संकल्प किया। उनकी इस अटूट श्रद्धा और समर्पण से प्रसन्न होकर गौमाता ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वे पराक्रमी भगीरथ के पिता बने।
यह प्रसंग हमें सिखाता है कि गौसेवा केवल पुण्य ही नहीं देती, बल्कि जीवन को सफल और वंश को गौरवशाली बनाती है।
कथा उपरांत आरती कर प्रसाद वितरित किया गया

Please follow and like us:
Pin Share
YouTube
Pinterest
LinkedIn
Share