- शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करवाने व 70 वर्ष तक पुनर्नियुक्ति तथा पुरानी पेंशन योजना की बहाली के वायदे किए
- पुटा की नियमित जीबीएम व कार्यकारी बैठकें करवाने के वायदे को भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है ताकि जवाबदेही और संवाद सुनिश्चित हो सके
- पुटा को शिक्षक समुदाय की पारदर्शी, जीवंत और सच्ची प्रतिनिधि बनाएंगे : डॉ. परवीन गोयल
चण्डीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) के चुनाव में गिव चेंज अ चांस की टैगलाइन के तहत टीम बैटिंग फॉर चेंज ने आज स्टूडेंट सेंटर में अपना घोषणा पत्र जारी किया।
घोषणापत्र में किए गए वायदों के बारे में मीडिया को प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए अपने साथियों के साथ अध्यक्ष पद के उम्मीदवार डॉ. परवीन गोयल ने बताया कि वे जीतने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करवाने और यूजीसी मानकों के अनुसार 70 वर्ष तक पुनर्नियुक्ति की मांगे पूरी करवाएंगे। इसके अलावा हाल ही में पंजाब सरकार की अधिसूचनाओं के अनुरूप पुरानी पेंशन योजना की बहाली, डेंटल फैकल्टी के वेतनमान में संशोधन और यूजीसी दिशा-निर्देशों के अनुसार वरिष्ठ प्रोफेसर के पदोन्नति का समय पर कार्यान्वयन करवाने, मातृत्व/बाल देखभाल अवकाश में बढ़ोतरी, पीएचडी इंक्रीमेंट की बहाली और नए नियुक्त फैकल्टी के लिए शोध हेतु सीड ग्रांट जारी करवाने, रिहायशी क्वार्टर्स की देखरेख के लिए पारदर्शी व्यवस्था, कैशलेस सुविधा के साथ अस्पतालों का पैनल तैयार करना और कैंपस में अधोसंरचना सुधार करवाने की दिशा में कदम उठाने के वायदे भी किए।
साथ ही पुटा की नियमित जीबीएम व कार्यकारी बैठकें करवाने के वायदे को भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है ताकि जवाबदेही और संवाद सुनिश्चित हो सके। पीयूटीए न्यूज़लेटर का पुनः प्रकाशन करवाने, यूजीसी-एफआरपी फैकल्टी, लाइब्रेरी स्टाफ, कंप्यूटर प्रोग्रामर और सीएएस प्रमोशन के लिए सशक्त वकालत करने व स्मार्ट कैंपस प्रबंधन के लिए पहलें, जिनमें स्मार्ट कार्ड, ई-रिक्शा और विश्वविद्यालय में ट्रैफिक नियमन शामिल हैं, के अहम कार्यों का भी वायदा किया।
उल्लेखनीय है कि टीम बैटिंग फॉर चेंज की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए यूआईईटी से डॉ. परवीन गोयल, उपाध्यक्ष पद के लिए बायोफिजिक्स विभाग से डॉ. सर्वनरिंदर कौर, सचिव पद के लिए एसी जोशी लाइब्रेरी से डॉ. सुमन सुमी, संयुक्त सचिव पद के लिए फॉरेंसिक साइंसेज़ से प्रो. विशाल शर्मा और कोषाध्यक्ष पद के लिए डेंटल इंस्टीट्यूट से डॉ. सोनिया बी. भारद्वाज को उम्मीदवार बनाया गया है। इस वर्ष पीयूटीए चुनाव त्रिकोणीय है, जिसमें प्रत्येक पद के लिए तीन उम्मीदवार हैं।
टीम में कई ऐसे अध्यापक कार्यकर्ता शामिल हैं जिन्होंने समय-समय पर शिक्षकों के हित में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। समूह ने पीयूटीए में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता बहाल करने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि पीयूटीए ने अपनी जीवंतता खो दी है और यह अध्यापक समाज की सामूहिक आवाज़ के रूप में कमजोर हुआ है। टीम ने लोकतांत्रिक भावना में गिरावट, अप्रभावी भागीदारी, चुनिंदा निष्क्रियता और रणनीतिक वकालत की कमी जैसे मुद्दों को उजागर करते हुए शिक्षकों के अधिकारों और कल्याण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
टीम बैटिंग फॉर चेंज ने जोर दिया कि उनका अभियान केवल नारों पर आधारित नहीं है बल्कि व्यावहारिक समाधानों पर केंद्रित है। उन्होंने निष्पक्षता, समानता और प्रत्येक अध्यापक की गरिमा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वे आत्मसंतोष और व्यक्तिवाद की संस्कृति का विरोध करेंगे।
टीम बैटिंग फॉर चेंज के उम्मीदवारों ने एक स्वर में कहा कि पीयूटीए हम सभी का है और इसकी ताकत हमारी एकता और भागीदारी में निहित है तथा एक ऐसी एसोसिएशन का निर्माण करना है जो हमारे समुदाय की पारदर्शी, जीवंत और सच्ची प्रतिनिधि हो।
डॉ. परवीन गोयल ने कहा कि वे इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि कई अध्यापकों ने उनसे संपर्क कर यह व्यक्त किया कि पिछली पीयूटीए टीम आत्मसंतुष्ट हो गई थी और शिक्षकों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाने में विफल रही तथा फैसले अध्यापकों से चर्चा किए बिना लिए गए, चुनिंदा रवैया अपनाया गया और व्यक्तिगत लाभ के लिए मंच का दुरुपयोग किया गया।
गौरतलब है कि पुटा चुनाव आने वाले वर्ष में शिक्षकों की वकालत और शैक्षणिक वातावरण की दिशा तय करेगा।
