30-8-25-श्री दिगम्बर जैन मंदिर, सेक्टर 27-बी, चंडीगढ़ में दशलक्षण पर्व के अंतर्गत तृतीय दिवस उत्तम आर्जव दिवस का आयोजन ब्रह्मचारिणी लब्धि दीदी (हिमानी दीदी) के पावन मार्गदर्शन में श्रद्धा एवं भक्ति भाव से संपन्न हुआ।
उत्तम आर्जव का महत्व
आर्जव का अर्थ है सरलता, निष्कपटता एवं सच्चाई। कपट, दिखावा और छल-कपट से दूर रहकर सीधे, सरल और सच्चे मार्ग पर चलना ही उत्तम आर्जव धर्म है। यह गुण आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में पारदर्शिता एवं विश्वास को बढ़ावा देता है।
प्रथम अभिषेक एडवोकेट आदर्श जैन परिवार द्वारा संपन्न हुआ। प्रथम शांति धारा एडवोकेट राज बहादुर सिंह जैन एवं द्वितीय शांति धारा आशीष जैन मोहाली द्वारा की गई।
अभिषेक उपरांत दशलक्षण विधान प्रारंभ हुआ। आज के विधान के सोधरमेंद्र रजनीश जैन (ढकोली), यज्ञनायक अशोक जैन कुबेरइंद्र नितिन जैन (सेक्टर 38) तथा ईशान इंद्र सुभाष जैन रहे। विधान प्रातः 11 बजे पूर्ण हुआ, जिसके पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने सात्विक भोजन ग्रहण किया।
अपने व्यक्तव्यों में समाज के पदाधिकारी अध्यक्ष धर्मबहादुर जैन, उपाध्यक्ष आदर्श जैन, मुख्या सचिव संत कुमार जैन एवं कोषाध्यक्ष राजा बहादुर सिंह जैन ने उपस्थित श्रद्धालुओं को धंन्यवाद किया तथा जैन धर्म द्वारा बताए गए दसौँ लक्षणों को अपने जीवन में उतरने के लिए आवाहन किया।
सायंकाल 6:30 बजे महाआरती से कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात श्रद्धालुओं को छह ढाला जैन ग्रंथ का महत्व समझाया गया। इसके उपरांत डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बालक-बालिकाओं ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
दशलक्षण पर्व के अंतर्गत तृतीय दिवस उत्तम आर्जव दिवस का आयोजन ब्रह्मचारिणी लब्धि दीदी (हिमानी दीदी) के पावन मार्गदर्शन में श्रद्धा एवं भक्ति भाव से संपन्न हुआ।
