चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 का आधे से ज्यादा समय निकल गया, पढ़ाई का आधा बस्ता खाली ? चंडीगढ़ शिक्षा विभाग शहर के सभी स्कूलों में 8वीं एवं अन्य कई क्लासेज को किताबें पूरी तरह मुहैया नहीं करवा पाया : एडवोकेट विवेक हंस गरचा

 

चंडीगढ़. 05 अगस्त 2025 ( ) न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने आज चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के माथे पर बड़ा प्रशन चिन्ह लगा दिया। जब उन्होंने शहर के भिन-भिन स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग दौरान स्कूलों में विजिट किया और बच्चों के माता-पिता के साथ मुलाक़ात कर उनकी समस्याएं सुनी। जिस दौरान उन्हें पता चला की 2025-26 आधे से ज्यादा निकल जाने के बाद भी शिक्षा विभाग चंडीगढ़ शहर के सभी स्कूलों में 8वीं एवं अन्य कई क्लासेज को किताबें पूरी तरह मुहैया नहीं करवा पाया। जिसके बाद एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कुछ स्कूलों के प्रिंसिपलों से भी मुलाक़ात की कि बिना किताबों के उनके टीचर बच्चों को कैसे पड़ा रहें हैं इसकी उच्च स्तरिया कमेटी गठित कर जांच करवानी चाहिए। बिना किताबों के बच्चों के यूनिट टेस्ट किस बिहाफ पर लिये गये ? उन्होंने कहा कि साल ख़तम होने की कगार पर है ऐसे में बच्चे अपना स्लैबस कवर कैसे करेंगे। आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के पास चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 आधे से ज्यादा निकल जाने के बाद अभी तक पूरी किताबें नहीं हैं। जिससे पढ़ाई में बाधा आ रही है। बाजार में भी पिछले दिनों से एनसीईआरटी किताबों का अभाव बना हुआ था। इसके कारण विद्यार्थियों का अक्टूबर में होने वाले स्कूल असेसमेंट टेस्ट प्रभावित होगा।

इससे विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानी बढ़ी हुई है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि अक्टूबर माह में तीसरी से बाहरवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का स्कूल असेसमेंट टेस्ट (सेट) होना है, लेकिन अभी तक किताबें पूरी न होने के कारण काफी विद्यार्थियों के लिए टेस्ट को पास करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

यदि टीचर जल्द उन किताबों से जो शिक्षा विभाग सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों को अभी तक किताबें मुहैया नहीं करवा पाया तो उन किताबों से तेजी से स्लैबस कवर करने के चकर में बच्चों को मानसिक दवाब का सामना करना पड़ सकता है। एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने गहरी चिंता व्यक्त करते कहा कि डायरेक्ट स्कूल एजुकेशन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अपने निजी हस्ताक्षेप द्वारा शहर की बिगड़ती शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना चाहिए।

बड़ी चिंता : स्टूडेंट्स बिना पुस्तकें कैसे पास करेंगे एग्जाम ?
एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि बिना किताबों के कैसे पड़ेगा इंडिया, देश के भविष्य को पकोड़े तलने की नीतियों से ऊपर उठकर सत्ताधारी सरकारों को काम करना चाहिए। ताकि देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो। बच्चों की किताबों के मुद्दे को लेकर “न्यू कांग्रेस पार्टी ” सुप्रीमो एडवोकेट विवेक हंस गरचा देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से दिल्ली में मुलाक़ात करेंगे।

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