चंडीगढ़, 4 मई 2025:
गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सेक्टर 20-डी, चंडीगढ़ में 28 अप्रैल से 3 मई 2025 तक ‘कैरियर तैयारी और जीवन कौशल के लिए कौशल निर्माण’ पर एक 30 घंटे का वैल्यू एडेड कोर्स सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस कोर्स की संकल्पना और रूपरेखा डॉ. रवनीत चावला, एसोसिएट प्रोफेसर और प्लेसमेंट इंचार्ज द्वारा तैयार की गई, और इसे प्राचार्या डॉ. सपना नंदा के संरक्षण में आयोजित किया गया। यह कोर्स शिक्षकों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था । कुल 80 छात्रों ने यह कोर्स उत्तीर्ण किया।
कोर्स के पहले दिन सुश्री कविता चटर्जी दास ने कक्षा प्रबंधन पर व्यावहारिक रणनीतियाँ साझा कीं। इसके बाद कर्नल अपारजीत नक्कई (सेवानिवृत्त) ने आत्म-मूल्य और व्यक्तिगत विकास पर जोर दिया। ‘टैलेंटग्रो ग्लोबल’ से सुश्री इंदु अग्रवाल ने एनईपी 2020 और निपुण भारत के संरेखण पर प्रकाश डाला, और श्री संजय अग्रवाल ने प्रतिभागियों को लचीलापन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सेवा भाव अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कोर्स के दुसरे दिन प्रो. आदर्श कोहली ने किशोरावस्था की चुनौतियों और शिक्षकों की उपस्थिति की महत्ता को रेखांकित किया। कर्नल आई.पी.एस. धालीवाल (सेवानिवृत्त) ने सशस्त्र बलों और विमानन में करियर की संभावनाओं पर जानकारी दी। डॉ. प्रभजोत मल्ही ने बाल मनोविज्ञान और प्रारंभिक हस्तक्षेप की चर्चा की, तथा बाल विकास के लिए “पाँच R” की अवधारणा केस स्टडीज़ के माध्यम से समझाई।
कोर्स के तीसरे दिन ‘बीबेटर एचआर सॉल्यूशंस’ की सुश्री अनुराधा ने सहयोग, टीमवर्क और संवाद पर बल दिया। छात्रों ने साझा किए गए उदाहरणों में संभावित जटिल परिस्थितियों पर अपने संदेह स्पष्ट किए। सुश्री सुप्रिया बनर्जी वशिष्ठा ने आनंदमय अधिगम में कहानी कहने की भूमिका दर्शाई। डॉ. रवनीत चावला ने अपने स्टार्टअप “सोक एंड टॉस” की प्रेरणादायक यात्रा साझा की। प्रसिद्ध झुमरू रेस्तरां के शेफ वंश चावला ने मिलेट-आधारित पोषण और खाद्य स्थिरता को बढ़ावा दिया और दैनिक जीवन में पोषण संबंधी व्यावहारिक सुझाव दिए।
कोर्स के चौथे दिन प्रारंभिक वर्षों में बच्चों के लिए सामुदायिक-आधारित मूल्यांकन कार्यक्रम और उसमें शिक्षकों की भूमिका की अवधारणा साझा की गई। इस दिन ‘कच्ची सड़क कार्यक्रम’ के प्रमाण पत्र वितरण का आयोजन भी अर्पण फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। डॉ. परिक्षित बंसल ने WOTEM (Wow Teaching Methodology) का परिचय कराया, जो उन्होंने एक दशक में विकसित की थी। इस नवाचार-आधारित शिक्षण पद्धति की औपचारिक शुरुआत भी की गई। सत्र का समापन डॉ. चावला द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा से हुआ, जिसमें आगे की पढ़ाई और करियर आकांक्षाओं के संतुलन पर विचार हुआ। छात्र पैनलिस्ट थे: आतिश खजूरिया, शगुन चौधरी, राधिका सूद, अंशुमान, मुस्कान, जैस्मीन कौर; डॉ. रवनीत चावला के साथ दीक्षा शर्मा ने सह-संचालन किया।
कोर्स का समापन 3 मई, 2025 को हुआ और अंतिम दिन की शुरुआत डॉ. रवनीत चावला के प्रेरणादायक संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने योजना, आत्म-स्नेह और भावनात्मक संतुलन पर बात की। छात्र समन्वयक शगुन ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया, जिसके बाद फीडबैक सत्र हुआ। किंशुक ने कक्षा प्रबंधन पर, अंशुमान ने अनसुलझे प्रश्नों पर, प्रिंस और मोनिका ने इंटरएक्टिव सत्रों पर, और अनामिका ने व्याख्यानों की आध्यात्मिक गहराई पर अपने विचार साझा किए। आतिश, विशाल, एकता और ज्योति सहित अन्य छात्रों ने अपने विकास और प्रेरणा के लिए आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. सपना नंदा द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। उन्होंने डॉ. रवनीत चावला द्वारा डिज़ाइन किए गए कोर्स की सराहना की तथा डॉ. उपासना थपलियाल की कोर्स की सफल संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने शिक्षकों के जीवन की यात्रा से जुड़े अनुभव साझा किए और इस कोर्स के माध्यम से प्राप्त कैरियर व जीवन कौशलों को भविष्य के शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।
