मिर्गी से जुड़े मिथकों को मिटाना: बेहतर भविष्य के लिए मिर्गी से संबंधित जागरूकता बढ़ाना

पंचकूला, 26 मार्च : विश्व मिर्गी दिवस के अवसर पर पारस हेल्थ पंचकूला में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और इसके प्रभावी उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम में न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अनुराग लांबा (डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी) और डॉ. पार्थ बंसल (कंसलटेंट, न्यूरोलॉजिस्ट) ने मिर्गी से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं।

भारत में 12 मिलियन से अधिक लोग मिर्गी से प्रभावित हैं, जिससे यह सबसे आम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में से एक बन गया है। इसके बावजूद, डायग्नोसिस में देरी और गलत धारणाओं के कारण सही इलाज नहीं हो पाता। मिर्गी मस्तिष्क की एक बीमारी है, जो असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधि के कारण दौरे पैदा करती है। ये दौरे हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। हर दौरा मिर्गी का संकेत नहीं होता, इसलिए सही समय पर चिकित्सा जांच आवश्यक है।

भारत के ग्रामीण इलाकों में मिर्गी को लेकर कई मिथक और गलत धारणाएं प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे दैवीय कारणों से जोड़ते हैं, जिससे मरीजों को समय पर डॉक्टर की मदद लेने में कठिनाई होती है। सही जानकारी और जागरूकता से लोग लक्षणों को पहचानकर उचित समय पर इलाज़ करा सकते हैं। मिर्गी के लगभग 70% मामलों को सही दवा और इलाज़ से नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मरीजों को जीवनशैली और डाइट में बदलाव या सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। हालांकि, दवा का सही से सेवन करना बेहद जरूरी है, क्योंकि अधूरे इलाज से दौरे फिर हो सकते हैं।

अगर किसी को दौरा पड़ता है, तो उसके आसपास के लोगों को शांत रहना चाहिए और उसे सुरक्षित रखना चाहिए। पीड़ित को पकड़ने या मुंह में कुछ डालने से बचें। अधिकतर दौरे कुछ मिनट में ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि यह पांच मिनट से अधिक चलता है, तो तुरंत मेडिकल मदद लें।

डॉ अनुराग लांबा, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, पारस हेल्थ पंचकूला ने कहा कि मिर्गी को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करना और समय पर सही इलाज़ कराना आवश्यक है। उचित डायग्नोसिस और दवा से मरीज़ सामान्य जीवन जी सकते हैं। समाज को मिर्गी को लेकर जागरूक होना चाहिए ताकि पीड़ितों को किसी भी तरह का भेदभाव न झेलना पड़े।”

डॉ पार्थ बंसल, कंसलटेंट, न्यूरोलॉजिस्ट, पारस हेल्थ पंचकूला ने कहा कि मॉडर्न एंटी-सीजर दवाओं, डाइटरी थेरेपी और सर्जरी विकल्पों के कारण मिर्गी को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है। हमारा ध्यान मरीजों को सशक्त बनाने के लिए जल्दी डायग्नोसिस, निरंतर इलाज़ और सामुदायिक सहयोग पर होना चाहिए।”

विश्व मिर्गी दिवस के अवसर पर पारस हेल्थ ने मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में फैली गलत धारणाओं को समाप्त करने का आह्वान किया है। सही इलाज़ और सामाजिक समर्थन के साथ, मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा और स्वतंत्र जीवन जी सकते हैं।

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