कबड्डी, खो-खो और पंजा जैसी लीग्स की तर्ज पर रेसलिंग लीग भी हो: शैंकी सिंह

  • युवा कलाकार के सांग लांच पर चंडीगढ़ पहुंचे विश्व विख्यात डब्लयूडब्लयूई रेस्लर

चंडीगढ़, देश में प्रोत्साहित किये जा रहे पंजा, खो-खो और कबड्डी लीग्स की तर्ज पर रेसलिंग लीग की भी शुरुआत होनी चाहिये जिससे की जमीनी स्तर की प्रतिभा को अपना दम दिखाने का मौका मिले। देश में क्रिकेट और फिल्में सभी पर काबिज रहा है। कारपोरेट स्पांसर को चाहिये की वे इस दिशा में भी निवेश कर इस इंस्डट्री को प्रोमोट करें। यह भाव जाने माने इंटरनैश्नल स्तर पर डब्ल्यूडब्लयूई के फ्री स्टाईल रेस्लर शैंकी सिंह ने चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आल डे के सांग लाचिंग अवसर पर प्रकट किये। अपने नये प्रोजेक्ट लैबल 18 प्रोडक्शन के अंतर्गत शैंकी सिंह इन दिनों रेसलिंग के साथ साथ युवा सिंगिग प्रतिभाओं को प्लेटफार्म प्रदान कर रहे हैं। यूथ वाईब्स से लबरेज इस थिरकते गाने में रुही मरुन ने एक्ट और गाया है जो कि हर वर्ग के दर्शको को जरुर पसंद आयेगा। यूएस से लगभग 30 से भी अधिक रेसलिंग बाउट का अनुभव रखने वाले शैंकी सिंह का मानना है कि पंजाब नशे के लिये फालतू में ही बदनाम है बल्कि पंजाब से अधिक नशा अमेरिका जैसी विकसित समाज में है। और यही कारण है कि वे अब युवा प्रतिभाओं को रेसलिंग के साथ मनोरंजन जगत के लिये प्रेरित कर रहे हैं। शैंकी ने दुख जताया कि भारत की रेसलिंग के लिये विश्व में सर्वाधिक व्यूवरशिप हैं। बावजूद इसके फ्री स्टाईल रेस्लिंग को उतना प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। सरकार और ब्राडकास्टर को चाहिये कि वे भी यूएस में डब्ल्यूडब्ल्यूई जैसी फ्री स्टाईल रेसलिंग को प्रमोट करे। इस दौरे में शैंकी खेल मंत्री डा मनसुख मांडविया से मुलाकात कर अपना यह प्रस्ताव रखेंगें।

शैंकी ने कहा कि मनोरंजन जगत को भी उतना ही बल मिलना चाहिये जितना खेल जगत को क्योंकि यह दोनों पैशन युवाओं को इनगेज रखती हैं। उनके अनुसार हमारे देश में रियलिटी शो में शीर्ष पर रहने वालो को ही स्टारडम मिल जाता जबकि अन्य प्रतिभागियों में हताशा घर कर जाती है। अपने लैबल 18 प्लेटफार्म के माध्यम से उनका प्रयास ऐसी प्रतिभाओं को निखारना है। उनका मानना है कि यदि युवाओं में नशा डलवाना है तो उनके पैशन करवायें किसी बुराई का नहीं जो घर, समाज और देश की हैल्थ को नुकसान पहुंचाये।

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