Chandigarh
भगवान श्री परशुराम भवन सेक्टर 12 ए पंचकुला में आयोजित श्रीमद्भगवत कथा ज्ञान यज्ञ के षष्ठम दिवस में सद्भावना दूत भागवताचार्य डा रमनीक कृष्ण जी महाराज ने रास पंचाध्यायी का वर्णन करते हुए कहा के श्रीमद्भगवत की सबसे पवित्र लीला रास पंचाध्ययी है। जिसमे केवल सात वर्ष के भगवान ब्रज गोपियों के साथ निधिवन में अपने श्रीराम अवतरण के समय अवध के संतो को दिए वचन को पूर्ण करने के लिए इस पवित्र लीला को रचते हैं। राजा परीक्षित ने जब शंका प्रकट करते हुए गुरुदेव के चरणों में प्रश्न किया की गोपियां तो श्रीकृष्ण को परम प्रियतम मानती थी, उनमें भगवान के प्रति ब्रह्म भाव नहीं था, तब उन्होंने भगवान को कैसे प्राप्त कर लिया? श्रीशुकदेव जी महाराज राजा को उत्तर देते हुए कहते हैं परीक्षित! तुम्हारे जैसे तत्ववेता को ऐसी शंका नहीं होनी चाहिए क्योंकि योगेश्वरों के भी ईश्वर,अजन्मा भगवान के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, वे तो भृकुटी विलास से ही सारे जगत का कल्याण कर सकते हैं केवल उन सर्वदोषहारी प्रभु से किसी भी प्रकार का संबंध जुड जाना चाहिए। संबंध कैसा भी हो स्वार्थ का या परमार्थ का, काम का हो या क्रोध का किंतु होना चाहिए। कंस ने भय से, शिशुपाल ने विरोध से मोक्ष प्राप्त कर लिया तो ये ब्रजंगनाएं तो समस्त दोष, गुणों से परे हैं। कृष्ण से उनका अनन्य अनुराग है इनको श्री कृष्ण का प्राप्त होना कोन से आश्चर्य की बात है। संसारी को भगवान की लीलाओं पर कभी शंका नहीं करनी चाहिए क्योंकि शंकित मन कलंकित मन होता है, जो शंका में रहता है वो लंका में रहता है। आज कथा में अनेकों गणमान्य जन उपस्थित रहें जिनमे न्यायधीश श्री संदीप मोदगिल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, महावीर कौशिक उपायुक्त भिवानी, श्रवण गर्ग चेयरमैन गौ सेवा आयोग हरियाणा, आशा जायसवाल पूर्व मेयर चंडीगढ़, डा राजबीर भारद्वाज निदेशक योजना विभाग, सी बी गोयल पूर्व पार्षद, भावना गुप्ता पूर्व पार्षद, श्री राजेश शर्मा ब्यूरो प्रमुख समाचार क्यारी, श्री संजीव रामपाल ब्यूरो चीफ दैनिक भास्कर, अक्षय जाधव अमर उजाला, श्रीमती नीलम त्रिखा कवयित्री इत्यादि समस्त जन उपस्थित रहे।। सभा के प्रधान एम पी शर्मा ने सभी का स्वागत किया ।।