2019 में हुआ था कत्ल, पुलिस दिखा रही प्राकृतिक मौत
05 साल भी नही मिला इंसाफ
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डी जी पी गौरव यादव से भी इंसाफ की लगा चुके हैं गुहार
03 साल बाद आरोपियों पर हुआ मामला दर्ज
चंडीगढ़( ):-लुधियाना पुलिस द्वारा एक नौजवान के क़त्ल के मामले को प्राकृतिक मौत दिखाए जाने से इंसाफ लेने के लिए दुखी और पीड़ित परिवार सालों से पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों की खाक छान रहा है, लेकिन अभी तक उन्हें इंसाफ नही मिल पाया है। पीड़ित परिवार को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने में भी खासी जद्दोजहद करनी पड़ी।
लुधियाना जिला के अधीन आते जगराओं के गांव रणधीरगढ़ निवासी बलविंदर सिंह और मोहिंदर कौर ने बताया कि उनका पुत्र दया सिंह लुधियाना में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। वो एक पी जी मे रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था। 09 अक्टूबर 2019 को उन्हें एक फ़ोन आया कि उनके पुत्र की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। खबर सुन कर उनके हाथ पांव फूल गए। वो तुरंत ही गांव से लुधियाना मौके पर पहुंचे, लेकिन हालात देख कर कहीं से भी प्राकृतिक मौत या सड़क दुर्घटना नही लगी। पुलिस ने मामले को धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए इसे प्राकृतिक मौत दिखाते हुए रफा दफा करने की कोशिश की, बल्कि इस कि गंभीरता से भी जांच करने की जहमत नही उठाई। फिर उन्होंने खुद ही कोशिश करते हुए उस रात की सी सी टी वी फुटेज इकठ्ठी की, जिसमे 08 अक्तूबर 2019 की रात को उनका पुत्र दया सिंह एक अन्य युवक के साथ स्कूटर के पीछे बैठ कर गिल नहर की तरफ जा रहे हैं। जबकि साथ ही 05 और नौजवान अपने मोटरसाइकिल पर बैठकर पीछे पीछे आ रहे हैं। इस को देखकर भी पुलिस ने कोई एक्शन नही लिया। बाद में पुलिस कमिश्नर द्वारा इसकी जांच के लिए एक सिट भी बनाई गई, पर उसकी तरफ से भी गहनता से कोई जांच नही की गई। इससे भी उन्हें कोई इंसाफ नही मिला। वो मामले की गहनता से जांच और इंसाफ के लिए कई साल उच्च पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के लगाते रहे, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिला। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और पुलिस ने 03 दिसंबर 2020 को अमनदीप सिंह, हरसिमरन सिंह, हैरी, नमन गर्ग, कश्यप, सुमित और एक अज्ञात के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज कर लिया। मृतक बलविंदर सिंह और मोहिंदर कौर ने आगे कहा कि मामला दर्ज होने के 04 साल होने के बाबजूद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। अभी तक पुलिस ने चालान भी पेश नही किया। बल्कि उन्हें मामले को रफा दफा करने को लेकर उन्हें आफर दी गई। उन्होंने मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डी जी पी गौरव यादव को मामले को लेकर गहनता से जांच करने और आरोपियों पर बनती कार्रवाई करने की अपील की है। डी जी पी गौरव यादव ने उनकी शिकायत पर 12 अक्तूबर 2022 को डी आई जी रेंज डॉक्टर नरिंदर भार्गव को मामले की जांच करने के आदेश दे दिए है। लेकिन डॉक्टर नरिंदर भार्गव ने 02 साल बाद भी कुछ नही किया, वो फ़ाइल ऐसे ही दबा कर बैठे हैं।
बलविंदर सिंह ने कहा कि उनका परिवार सिर्फ और सिर्फ इंसाफ चाहिए, जो नही मिल पा रहा। अगर फिर भी ऐसा ही चलता रहा तो वो माननीय अदालत कर दरवाजा खटखटाएंगे और आरोपियों और मामले को लटकाने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील
करेंगे।